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Mamata’s Meet: राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष की आमराय बनाने के वास्ते ममता की बैठक आज, इन वजहों से है मुश्किल

शरद पवार पहले ही कह चुके हैं कि वो राष्ट्रपति पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। कांग्रेस और वामदल भी ममता से नाराजगी जता चुके हैं। वहीं, बीजेपी अपनी चाल चल रही है और उसे कुछ विपक्षी दलों के समर्थन से अपना राष्ट्रपति बना लेने में फिलहाल कोई दिक्कत दिखाई नहीं दे रही है।

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस TMC सुप्रीमो ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति चुनाव पर आमराय बनाने के लिए आज विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है। दोपहर 3 बजे ये बैठक दिल्ली के कॉन्सटीट्यूशन क्लब में होगी। बैठक से पहले ही टीएमसी से कांग्रेस और सीपीएम के खफा होने के कारण इस बैठक में आम राय बनने के मसले पर सवाल खड़े हो गए हैं। राहुल गांधी की ईडी में पेशी पर टीएमसी की ओर से तंज कसे जाने की वजह से कांग्रेस में नाराजगी है। वहीं, दोनों कम्युनिस्ट पार्टियों सीपीएम और सीपीआई के शीर्ष नेतृत्व ने भी बैठक में शामिल न होने की बात कही है। दोनों दल अपने सांसदों को बैठक में भेजेंगे।

Mamata Banerjee, Sonia Gandhi & Rahul Gandhi

ममता की ओर से राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष का साझा उम्मीदवार उतारने को पहले ही झटका उस वक्त लग चुका है, जब राष्ट्रवादी कांग्रेस NCP के प्रमुख शरद पवार ने साफ कर दिया कि वो मैदान में नहीं उतरेंगे। ममता बनर्जी और शरद पवार की बैठक के बाद ये बयान आया। हालांकि, तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने शरद से चुनाव लड़ने के लिए कहा था। बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। नए राष्ट्रपति के लिए 18 जुलाई को वोटिंग औऱ 21 जुलाई को मतगणना होनी है। शरद पवार ने ममता के साथ बैठक के बाद कहा था कि विभाजनकारी ताकतों से लड़ने का हमारा संकल्प और मजबूत हुआ है।

Amit Shah PM Modi JP Nadda rajnath

ममता ने 22 विपक्षी दलों के नेताओं को चिट्ठी लिखकर बैठक के लिए न्योता दिया था। उधर, सत्ताधारी बीजेपी ने भी अपनी चाल चलनी शुरू कर दी है। बीजेपी ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के साथ आमराय बनाने के वास्ते रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को जिम्मेदारी सौंपी है। माना जा रहा है कि विपक्ष अगर बीजेपी के प्रत्याशी पर आमराय नहीं बनाता, तो भी कोई दिक्कत नहीं है। आंध्र प्रदेश की वाईएसआरसीपी और ओडिशा की बीजेडी की मदद से बीजेपी आसानी से अपना राष्ट्रपति बना लेगी। कुल मिलाकर फिलहाल बीजेपी के पक्ष में पलड़ा झुका हुआ दिख रहा है।