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Monsoon Session: विपक्ष के अड़ियल रवैये से 4 दिन में हुआ आम जनता की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपयों का नुकसान

नई दिल्ली। 19 जुलाई से शुरू हुए संसद के मॉनसून सत्र के दौरान शुरू के चार दिन में ही विपक्ष ने आम जनता की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपए पानी में बहा दिए। ऐसा उसके अड़ियल रवैये से हुआ। जिसकी वजह से संसद का सत्र ठीक से नहीं चल सका। विपक्ष ने पेगासस स्पाईवेयर और …

नई दिल्ली। 19 जुलाई से शुरू हुए संसद के मॉनसून सत्र के दौरान शुरू के चार दिन में ही विपक्ष ने आम जनता की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपए पानी में बहा दिए। ऐसा उसके अड़ियल रवैये से हुआ। जिसकी वजह से संसद का सत्र ठीक से नहीं चल सका। विपक्ष ने पेगासस स्पाईवेयर और तीन कृषि बिलों के विरोध में हंगामा बरपा रखा है। इस हफ्ते सिर्फ मंगलवार को राज्यसभा में कार्यवाही हो सकी। उस दौरान सदन में कोरोना की स्थिति पर चर्चा हुई थी, लेकिन बाकी समय लोकसभा और राज्यसभा को विपक्ष ने हंगामा करके चलने नहीं दिया। शुक्रवार को भी विपक्ष के हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी। जबकि राज्यसभा में तीन बार स्थगन हुआ। राज्यसभा में कुछ दे ही कार्यवाही चली, लेकिन हंगामे पर विपक्ष आमादा रहा।

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संसद में मचे इस हंगामे से आम आदमी की गाढ़ी कमाई से सरकार को मिलने वाली रकम का कितना नुकसान हुआ है, ये इसी से पता चल जाता है कि लोकसभा और राज्यसभा की एक मिनट की कार्यवाही चलने पर 2 लाख 60 हजार रुपए खर्च होते हैं। अगर सदन में हंगामा बरपा है और कोई कामकाज नहीं हो रहा है, तो जितनी देर सांसद सदन के भीतर हैं उस दौरान प्रति मिनट के हिसाब से करोड़ों रुपयों का नुकसान अब तक हो चुका है।

दरअसल, विपक्ष के सांसदों को संसद में हो रहे करोड़ों के नुकसान से कोई फर्क नहीं पड़ता है। हंगामे की वजह से उनकी तनख्वाह भी नहीं कटती और न ही संसद सत्र के दौरान मिलने वाले अतिरिक्त भत्तों में ही कोई कटौती होती है। सांसद अगर रजिस्टर पर साइन करने के बाद कुछ देर के लिए अपने सदन में चला जाए, तो उसे उस दिन का पूरा भत्ता मिल जाता है। इससे भी देश को लाखों रुपए की चपत हर रोज लगती है।