नई दिल्ली। इजरायली कंपनी के पेगासस स्पाईवेयर के जरिए कथित तौर पर तमाम नेताओं और पत्रकारों के फोन की नजरदारी की खबरें आने के बाद कांग्रेस लगातार मोदी सरकार का विरोध कर रही है। कांग्रेस के नेता तो पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को देशद्रोही तक कह रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के ये नेता शायद मनमोहन सिंह का वो बयान भूल गए हैं, जो बतौर पीएम रहते मनमोहन ने दिया था। साल 2014 की 14 फरवरी को दिल्ली में भारत कॉरपोरेट सप्ताह का उद्घाटन करने के बाद मनमोहन सिंह ने कहा था कि राष्ट्रहित में फोन टैपिंग करना जरूरी है। मनमोहन सिंह ने यह भी कहा था कि टैक्स चोरी के मामलों को पकड़ने के लिए भी सरकार अगर फोन टैप कराती है, तो वो भी सही है। मनमोहन सिंह ने साथ ही यह भी कहा था कि गैरकानूनी तरीके से फोन टैपिंग या नजरदारी करना गलत है और सरकार इसके खिलाफ है।
उन्होंने कहा था कि इसके लिए तय कानून का पालन करना चाहिए। यानी अगर सरकार देशहित और टैक्स चोरों को दबोचने के लिए फोन टैप कराती है या नजरदारी करती है, तो इसमें कोई गलती नहीं है। बता दें कि साल 2013 में मनमोहन सिंह की ही सरकार के दौरान एक आरटीआई के जवाब में उनके ही गृह मंत्रालय ने बताया था कि यूपीए सरकार हर महीने करीब 9000 फोन टैप कराती है।
इसके अलावा मनमोहन सिंह की सरकार उस दौरान हर महीने 300 से 500 ई-मेल पर भी नजर रखती थी, लेकिन कांग्रेस ये सब शायद भूल गई है। उसे याद नहीं कि मनमोहन सिंह ने भी नजरदारी को सही ठहराया था और कांग्रेस की सरकार भी अपने दौर में जमकर फोन टैप कराने और ई-मेल पर नजर रखने का काम करती थी।