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राजस्थान : CM गहलोत के लिए परेशानी का सबब बना फोन टैपिंग का मुद्दा, बीजेपी ने बनाया ये प्लान!

बता दें कि विपक्ष अब इस मुद्दे को विधानसभा(Vidhansabha) में उछालने की तैयारी में दिख रहा है। विधानसभा के मौजूदा सत्र के लिए गृह विभाग से जो सवाल पूछे गए हैं उनमें फोन टैपिंग भी शामिल है।

नई दिल्ली। राजस्थान में कांग्रेस के भीतर चल रहा सियासी संकट तो टल गया लेकिन अशोक गहलोत के लिए अब एक नई परेशानी सामने आने वाली है। दरअसल सचिन पायलट और सीएम गहलोत के बीच तकरार का खात्मा भले ही हो गया हो लेकिन राजस्थान में अब फोन टैपिंग का मामला विधानसभा में गूंजने वाला है। हालांकि गहलोत ने बहुमत परीक्षण के दौरान साफ कर दिया था कि, किसी विधायक का फोन टेप नहीं करवाया है।

CM Ashok Gehlot

इसके बाद भी भाजपा आने वाले दिनों में अशोक गहलोत के लिए परेशानी खड़ी करने के लिए प्लान और मन दोनों बना चुकी है। बता दें कि विपक्ष अब इस मुद्दे को विधानसभा में उछालने की तैयारी में दिख रहा है। विधानसभा के मौजूदा सत्र के लिए गृह विभाग से जो सवाल पूछे गए हैं उनमें फोन टैपिंग भी शामिल है। भाजपा को उम्मीद है कि इस मुद्दे को लेकर वह कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी कर सकती है।

Ashok Gehlot

भाजपा के वरिष्ठ विधायक कालीचरण सराफ ने सरकार से सवाल किया है कि पिछले दिनों फोन टैपिंग के कितने मामले सामने आए, और किस कानून व आदेश के तहत यह कार्रवाई की गई? गौरतलब है कि राजस्थान की सरकार जब सियासी संकट का सामना कर रही थी तब फोन टैपिंग के तीन ऑडियो वायरल हुए थे। इन ऑडियो के लिए गहलोत गुट का दावा था कि इनमें भंवरलाल शर्मा, गजेंद्र सिंह शेखावत और विश्वेंद्र सिंह की आवाज थी। जिसे भाजपा ने मुद्दा बनाया और सरकार पर विधायकों की फोन टैपिंग का आरोप लगाया।

Ashok Gahlot BJP

भाजपा के इस आरोप का राज्य सरकार खंडन करती रही। इन सबके अलावा कुछ दिनों बाद सोशल मीडिया पर एक और सूची वायरल हुई जिसमें भाजपा का आरोप था कि गहलोत सरकार बाड़ाबंदी में भी अपने विधायकों के फोन सर्विलांस पर रख रही है। हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन सभी आरोपों को नकार दिया। इसी के साथ फोन टैपिंग के मामले में राज्य सरकार पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी अपना जवाब भेज चुकी है और केंद्र सरकार की तरफ से भी अब तक सरकार के जवाब को लेकर कोई टिप्पणी नहीं आई है।