नई दिल्ली। पीएम केयर्स फंड में विदेशों से ली जाने वाली डोनेशन को लेकर भ्रम फैलाने वाली खबरें आई थी। इन खबरों में कहा गया था कि सरकार ने नीति बदलते हुए घरेलू आपदाओं के लिए विदेशी राहत को स्वीकार करना शुरू कर दिया है। मगर सरकारी सूत्रों ने ऐसी खबरों को बेबुनियाद बताया है और अहम जानकारी दी है कि पीएम केयर्स फंड लंबे समय से चली आ रही सरकारी नीति के मुताबिक ही है।
सूत्रों के मुताबिक पीएम केयर्स फंड के ऐलान के समय ही साफ कर दिया गया था कि इसमें उन लोगों और संस्थाओं से डोनेशन और कंट्रीब्यूशन को स्वीकार किया जाएगा जो विदेशों में रह रहे हैं। यह लंबे समय से चली आ रही भारत की नीति के मुताबिक ही है। इसका एक उदाहरण प्राइम मिनिस्टर नेशनल रिलीफ फंड है जो साल 2011 से चला रहा है।
इससे पहले कुछ जगहों पर इस तरह की खबरें छपी थी कि पीएम मोदी ने कोरोनावायरस से लड़ने के लिए जिस पीएम केयर्स फंड का ऐलान किया है वह सरकार की पिछली नीतियों से अलग है। इससे पहले सरकार घरेलू आपदाओं के लिए विदेशी फंड स्वीकार नहीं करती थी। सरकार के प्रवक्ता ने 22 अगस्त 2018 को ही इस संबंध में स्थिति को स्पष्ट कर दिया था।
उस समय यह कहा गया था की मौजूदा नीतियों के मुताबिक ही सरकार आपदा और राहत के काम घरेलू प्रयासों के जरिए कर रही है हालांकि प्राइम मिनिस्टर रिलीफ फंड और साथ ही चीफ मिनिस्टर रिलीफ फंड में एनआरआई, पीआईओ और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के जरिए डोनेशन का स्वागत किया जाएगा। सरकार बार-बार इस बात को स्पष्ट करती आ रही है।इसके बावजूद इस तरह के भ्रम फैलाए जा रहे हैं।