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विदेशों में रहने वाले साल 2011 से ही राहत और आपदा में देते आए हैं डोनेशन, पीएम केयर्स फंड के बारे में भ्रम ना फैलाएं

इससे पहले कुछ जगहों पर इस तरह की खबरें छपी थी कि पीएम मोदी ने कोरोनावायरस से लड़ने के लिए जिस पीएम केयर्स फंड का ऐलान किया है वह सरकार की पिछली नीतियों से अलग है।

नई दिल्ली। पीएम केयर्स फंड में विदेशों से ली जाने वाली डोनेशन को लेकर भ्रम फैलाने वाली खबरें आई थी। इन खबरों में कहा गया था कि सरकार ने नीति बदलते हुए घरेलू आपदाओं के लिए विदेशी राहत को स्वीकार करना शुरू कर दिया है। मगर सरकारी सूत्रों ने ऐसी खबरों को बेबुनियाद बताया है और अहम जानकारी दी है कि पीएम केयर्स फंड लंबे समय से चली आ रही सरकारी नीति के मुताबिक ही है।

PM cares Fund

सूत्रों के मुताबिक पीएम केयर्स फंड के ऐलान के समय ही साफ कर दिया गया था कि इसमें उन लोगों और संस्थाओं से डोनेशन और कंट्रीब्यूशन को स्वीकार किया जाएगा जो विदेशों में रह रहे हैं। यह लंबे समय से चली आ रही भारत की नीति के मुताबिक ही है। इसका एक उदाहरण प्राइम मिनिस्टर नेशनल रिलीफ फंड है जो साल 2011 से चला रहा है।

Narendra Modi

इससे पहले कुछ जगहों पर इस तरह की खबरें छपी थी कि पीएम मोदी ने कोरोनावायरस से लड़ने के लिए जिस पीएम केयर्स फंड का ऐलान किया है वह सरकार की पिछली नीतियों से अलग है। इससे पहले सरकार घरेलू आपदाओं के लिए विदेशी फंड स्वीकार नहीं करती थी। सरकार के प्रवक्ता ने 22 अगस्त 2018 को ही इस संबंध में स्थिति को स्पष्ट कर दिया था।

Narendra Modi Complete Lockdown

उस समय यह कहा गया था की मौजूदा नीतियों के मुताबिक ही सरकार आपदा और राहत के काम घरेलू प्रयासों के जरिए कर रही है हालांकि प्राइम मिनिस्टर रिलीफ फंड और साथ ही चीफ मिनिस्टर रिलीफ फंड में एनआरआई, पीआईओ और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के जरिए डोनेशन का स्वागत किया जाएगा। सरकार बार-बार इस बात को स्पष्ट करती आ रही है।इसके बावजूद इस तरह के भ्रम फैलाए जा रहे हैं।