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लॉकडाउन के दौरान पीएम-किसान के तहत जारी हुए 18134 करोड़ रुपये

मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के लाभार्थियों को देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान भी इस योजना का लगातार लाभ मिल रहा है।

नई दिल्ली। मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) के लाभार्थियों को देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान भी इस योजना का लगातार लाभ मिल रहा है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा मंगलवार को दिए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 24 मार्च के बाद अब तक इस योजना के 9.06 करोड़ लाभार्थियों के बैंक खातों में 18,134 करोड़ रुपये जमा करवाए जा चुके हैं।

PM Kisan Yojna

कोरोनावायरस के प्रकोप की रोकथाम के मद्देनजर देशभर में लॉकडाउन है, क्योंकि कोरोना के संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए इसे प्रभावी उपाय के रूप में देखा जा रहा है। मगर, केंद्र सरकार ने रबी फसलों की कटाई और जायद फसलों की बुवाई के सीजन को ध्यान में रखते हुए खेती-किसानी से जुड़ी गतिविधियों को लॉकडाउन में भी छूट दी है। साथ ही, किसान केंद्रित तमाम योजनाओं पर भी लॉकडाउन से कोई असर नहीं पड़ा है। पीएम-किसान योजना इसका एक उदाहरण है, जिसके तहत 24 मार्च के बाद अब तक इस योजना के 9.06 करोड़ लाभार्थियों के बैंक खातों में 18,134 करोड़ रुपये हस्तांरित किए गए हैं।

kisan

मंत्रालय के तहत आने वाले कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग ने कहा कि कोविड-19 महामारी को देखते हुए लॉकडाउन अवधि के दौरान क्षेत्र स्तर पर किसानों और कृषि गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार कई उपाय कर रही है।

विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, ग्रीष्मकालीन सीजन के दौरान बुवाई की जाने वाली धान की फसल का रकबा करीब 34.80 लाख हेक्टेयर हो गया है, जोकि पिछले साल इस अवधि में 25.26 लाख हेक्टेयर था। वहीं, दलहन फसलों की बुवाई का रकबा 8.77 लाख हेक्टेयर और मोटे अनाजों का 9.12 लाख हेक्टेयर हो चुका है, जोकि पिछले साल क्रमश: 5.44 लाख हेक्टेयर और 5.49 लाख हेक्टेयर था। तिलहनों का रकबा 8.87 लाख हेक्टेयर हो गया है, जोकि पिछले साल सात लाख हेक्टेयर था।

Farmer
कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चालू रबी विपणन वर्ष 2020-21 दो मई तक सरकारी खरीद एजेंसियों ने किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 2,61,565 मीट्रिक टन दलहन और 3,17,473 मीट्रिक टन तिलहन की खरीद की है, जिसका लाभ 3,25,565 किसानों को मिला है।