नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को जेएलएन स्टेडियम में एक कार्यक्रम के दौरान दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण के दो नए कॉरिडोर की आधारशिला रखी। इसके साथ ही एक लाख स्ट्रीट वेंडर्स को पीएम स्वनिधि योजना के तहत ऋण वितरित किया। आपको बता दें कि एक कॉरिडोर लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक तक और दूसरा कॉरिडोर इंद्रप्रस्थ से इंद्रलोक लाइन तक बनाया जाएगा। इन दोनों कॉरिडोर के निर्माण के लिए मोदी कैबिनेट ने बुधवार को ही मंजूरी दे दी थी और उसके अगले ही दिन प्रधानमंत्री ने इसकी आधारशिला भी रख दी। इन दोनों मेट्रो कॉरिडोर को बनाने में कुल 8400 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। इनका काम मार्च 2029 तक पूरा कर लिया जाएगा।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi lays the foundation stone of two additional corridors of Delhi Metro’s Phase 4 during the programme at Jawaharlal Nehru Stadium in Delhi. pic.twitter.com/KmBoagL9ZL
— ANI (@ANI) March 14, 2024
आपको बता दें कि मेट्रो का पहला कॉरिडोर लाजपत नगर से साकेत जी ब्लॉक तक बनाया जाएगा जिसकी कुल लंबाई 8.4 किलोमीटर होगी। इसमें 8 स्टेशन होंगे और यह पूरी एलेवेटेड लाइन होगी। दूसरा कॉरिडोर इंद्रप्रस्थ से इंद्रलोक लाइन तक बनेगा जोकि 12.4 किलोमीटर लंबी होगा। इसमें करीब 11.4 किलोमीटर लंबा हिस्सा एलेवेटेड होगा और करीब एक किलोमीटर अंडरग्राउंड होगा। इस पूरे कॉरिडोर में 10 स्टेशन होंगे, इनमें 9 स्टेशन एलेवेटेड होंगे और एक अंडरग्राउंड स्टेशन होगा। लाजपत नगर से लेकर साकेत जी ब्लॉक कॉरिडोर सिल्वर, मैजेंटा, पिंक और वॉयलेट मेट्रो लाइनों को जोड़ेगा। वहीं इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ कॉरिडोर ग्रीन लाइन का विस्तार होगा और रेड, येलो, एयरपोर्ट लाइन, मैजेंटा, वॉयलेट और ब्लू लाइन के साथ इंटरचेंज होगा।
#WATCH | Delhi: Prime Minister Narendra Modi interacts with PM SVANidhi beneficiaries and lays the foundation stone of two additional corridors of Delhi Metro’s Phase 4.
At the event, PM Modi says, “Today’s program PM SVANidhi Mahotsav is dedicated to those who are always around… pic.twitter.com/RInEsm3X18
— ANI (@ANI) March 14, 2024
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम स्वनिधि योजना के लाभार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह पीएम स्वनिधि महोत्सव उन लोगों को समर्पित है जिनके बिना हम अपने दैनिक जीवन की कल्पना नहीं कर सकते। कोरोना के समय में हर किसी को एहसास हुआ कि रेहड़ी-पटरी वालों की ताकत क्या होती है। प्रधानमंत्री ने कहा कि रेहड़ी-पटरी वाले साथियों के ठेले, दुकान भले छोटे हों, लेकिन इनके सपने बड़े होते हैं। पहले की सरकारों ने इन साथियों की सुध तक नहीं ली, इनको अपमान सहना पड़ता था, ठोकरें खाने के लिए मजबूर होना पड़ता था। फुटपाथ पर सामान बेचते हुए पैसों की जरूरत पड़ जाती थी, तो मजबूरी में महंगे ब्याज पर पैसा लेना पड़ता था। बैंक से इनको लोन ही नहीं मिलता था।