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Sharad Pawar And PM Modi: एनसीपी में बगावत के बाद साथ दिखेंगे पीएम मोदी और शरद पवार, अजित पवार भी रहेंगे मौजूद

शरद पवार ने अजित पवार और उनके साथ विधायकों की बगावत के बाद सीधे तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी का नाम लिया था। पवार ने कहा था कि मोदी ही इन सबके पीछे हैं। मोदी पर एनसीपी में बगावत का ठीकरा फोड़ने वाले शरद पवार अब पीएम के साथ एक ही मंच पर दिखने वाले हैं। ये खबर जानकर आपको जरूर हैरत हो रही होगी।

मुंबई। महाराष्ट्र में एनसीपी में हुई बगावत से शरद पवार और उनके भतीजे अजित पवार आपस में टकरा रहे हैं। शरद पवार ने अजित पवार और उनके साथ विधायकों की बगावत के बाद सीधे तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी का नाम लिया था। पवार ने कहा था कि मोदी ही इन सबके पीछे हैं। मोदी पर एनसीपी में बगावत का ठीकरा फोड़ने वाले शरद पवार अब पीएम के साथ एक ही मंच पर दिखने वाले हैं। खास बात ये है कि इस मंच पर शरद पवार के बागी भतीजे अजित पवार के अलावा महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देंवेंद्र फडणवीस भी मोदी और शरद पवार के साथ मौजूद रहेंगे।

pm modi and sharad pawar

ये सुनकर आपको अचरज हो रहा होगा कि आखिर सियासी दुश्मन एक-दूसरे के साथ मंच क्यों साझा करने वाले हैं! दरअसल, पीएम मोदी को 1 अगस्त को पुणे में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। तिलक स्मारक ट्रस्ट के अध्यक्ष रोहित तिलक ने इसकी जानकारी दी है। पुरस्कार समारोह के दिन लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की 103वीं पुण्यतिथि है। इसी कार्यक्रम में शरद पवार को भी बतौर चीफ गेस्ट बुलाया गया है। रोहित तिलक के मुताबिक मोदी को सम्मानित किए जाने के मौके पर अजित पवार, एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस को भी बुलाया गया है। मोदी को ये सम्मान देश के प्रति जागरूकता और प्रेम बढ़ाने, आत्मनिर्भर भारत बनाकर देश को तरक्की देने, नागरिकों में देशभक्ति की भावना जगाने और भारत को विदेश में स्थापित करने के लिए दिया जा रहा है।

congress flag

खास बात ये भी है कि तिलक स्मारक ट्रस्ट के अध्यक्ष रोहित तिलक खुद कांग्रेस के नेता हैं। इसी वजह से कांग्रेस विरोध में उतर आई है। कांग्रेस का कहना है कि मोदी को ये सम्मान नहीं दिया जाना चाहिए। उसका तर्क है कि मोदी और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की विचारधारा में जमीन और आसमान का फर्क है। ऐसे में इस मुद्दे पर सियासत के गरमाने के आसार दिख रहे हैं। सबकी नजर इस पर भी है कि कार्यक्रम में शरद पवार और मोदी अपने संबोधन में क्या बोलते हैं। उनके बयानों से ही पता चलेगा कि महाराष्ट्र की सियासत आने वाले वक्त में किस करवट बैठती है।