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महाराष्ट्र में मचे राजनीतिक हलचल के बीच पीएम मोदी से मिले शरद पवार, क्या होने वाला है कुछ बड़ा?

PM modi: राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (राक्रांपा) प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राजधानी में मुलाकात की। दोनों बड़े नेताओं के बीच हुई इस मुलाकात को लेकर सियासी गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हो गया।

नई दिल्ली। शनिवार (17 जुलाई) को राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (राक्रांपा) प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश की राजधानी दिल्ली में मुलाकात की। दोनों बड़े नेताओं के बीच हुई इस मुलाकात को लेकर सियासी गलियारों में अटकलों का दौर शुरू हो गया। दरअसल महाराष्ट्र में गठबंधन वाली सरकार में इन दिनों तेज हलचल देखी जा रही है। कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी के बीच बयानबाजी का दौर चल रहा है। ऐसे में शरद पवार का प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करना कुछ बड़े संकेत की तरफ इशारा कर रहा है। वहीं माना जा रहा है कि इस मीटिंग का कनेक्शन महाराष्ट्र की राजनीति से जुड़ा हुआ है। मानसून सत्र पहले हुई इस मुलाकात को लेकर कई मायने निकाले जा रहे हैं। यहां बता दें कि दो दिन पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शरद पवार से उनके घर पर मुलाकात की थी। इसके बाद 16 जुलाई को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से शरद पवार मिले थे।

इसके अलावा महाराष्ट्र की राज्य सरकार में सहयोगी दलों में अनबन की खबरें सामने आ रही हैं। दरअसल पिछले कई दिनों से अपने बयान और आरोप लगाने के चलते महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले सुर्खियों में बने हुए है। वहीं बीते कुछ दिन पहले पटोले का एक बयान सामने आया था जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उप-मुख्यमंत्री अजित पवार पर उन पर ‘निगरानी’ रखने का आरोप लगाया था। जिसके बाद से नाना पटोले की परेशानी बढ़ती हुई दिख रही है। हालांकि अपने इस बयान पर उन्होंने सफाई भी दी थी लेकिन इसके बाद भी नाना पटोले को कड़ी फटकार का सामना करना पड़ा है।

nana patole

पटोले के इस बयान के बाद उद्धव ठाकरे और अजित पवार काफी नाराज थे। जिसके बाद उन्होंने दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय में पटोले के खिलाफ शिकायत की। जिसके बाद नाना पटोले की दिल्ली मुख्यालय में जमकर फटकार भी लगी। इसके बाद से माना जा रहा है कि राज्य सरकार में जल्दी बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। बता दें कि अपने बयान पर सफाई देते हुए नाना पटोले ने कहा कि उनके बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। यह कहते हुए कि मेरे आरोप राज्य सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि केंद्र सरकार के खिलाफ थे, नाना पटोले ने इस मुद्दे पर मीडिया को भी फटकार लगाई है।