नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मैसूर विश्वविद्यालय के शताब्दी दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय को प्राचीन भारत की समृद्ध शिक्षा व्यवस्था का प्रमुख केंद्र बताया। पीएम मोदी ने कहा कि बेशक कोविड-19 के कारण प्रतिबंध हो सकते हैं लेकिन उत्सव के लिए उत्साह अभी भी पहले जैसा ही है। भारी बारिश ने इसे थोड़ा कम कर दिया है। मैं प्रभावित परिवारों के प्रति अपनी सहानुभूति व्यक्त करता हूं। केंद्र और राज्य राहत देने के प्रयास कर रहे हैं।
There might be restrictions due to #COVID19 but enthusiasm for celebration is still same. Heavy rain dampened it a little. I express my sympathies to affected families. Centre & state are making efforts to provide relief: PM Modi at centenary convocation of University of Mysore pic.twitter.com/h4yGbFreXt
— ANI (@ANI) October 19, 2020
अहम बातें-
अगर NEP देश के एजुकेशन सेक्टर का भविष्य सुनिश्चित कर रही है , तो ये आप जैसे युवा साथियों को भी empower कर रही है। अगर खेती से जुड़े रिफॉर्म्स किसानों को सशक्त कर रहे हैं, तो लेबर रिफॉर्म्स लेबर और इंडस्ट्री दोनों को growth, security और thrust दे रहे हैं।
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी, प्री नर्सरी से लेकर पीएचडी तक देश के पूरे Education Setup में Fundamental Changes लाने वाला एक बहुत बड़ा अभियान है। हमारे देश के सामर्थ्यवान युवाओं को और ज्यादा Competitive बनाने के लिए Multidimensional Approach पर फोकस किया जा रहा है।
बीते पांच से छह साल में सात नए IIM स्थापित किए गए हैं। जबकि उससे पहले देश में 13 IIM ही थे। इसी तरह करीब छह दशक तक देश में सिर्फ सात एम्स देश में सेवाएं दे रहे थे। साल 2014 के बाद इससे दोगुने यानि 15 एम्स देश में या तो स्थापित हो चुके हैं या फिर शुरु होने की प्रक्रिया में हैं।
आज़ादी के इतने वर्षों के बाद भी साल 2014 से पहले तक देश में 16 IITs थीं। बीते 6 साल में औसतन हर साल एक नई IIT खोली गई है। इसमें से एक कर्नाटक के धारवाड़ में भी खुली है। 2014 तक भारत में 9 IIITs थीं। इसके बाद के 5 सालों में 16 IIITs बनाई गई हैं।
हमारे यहां शिक्षा और दीक्षा, युवा जीवन के दो अहम पड़ाव माने जाते हैं। ये हज़ारों वर्षों से हमारे यहां एक परंपरा रही है। जब हम दीक्षा की बात करते हैं, तो ये सिर्फ डिग्री प्राप्त करने का ही अवसर नहीं है। आज का ये दिन जीवन के अगले पड़ाव के लिए नए संकल्प लेने की प्रेरणा देता है।
मैसूर यूनिवर्सिटी, प्राचीन भारत की समृद्ध शिक्षा व्यवस्था और भविष्य के भारत की Aspirations और Capabilities का प्रमुख केंद्र है। इस यूनिवर्सिटी ने “राजर्षि” नालवाडी कृष्णराज वडेयार और एम. विश्वेश्वरैया जी के विजन और संकल्पों को साकार किया है।