नई दिल्ली। रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। ‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने नदियों को बचाने का आह्वान किया। पीएम मोदी ने किया हमारे लिए नदियां एक भौतिक वस्तु नहीं है, हमारे लिए नदी एक जीवंत इकाई है। तभी तो हम नदियों को मां कहते हैं, हमारे कितने ही पर्व, त्योहार, उत्सव, उमंग इन माताओं की गोद में होते हैं।
हमारे लिए नदियां एक भौतिक वस्तु नहीं है, हमारे लिए नदी एक जीवंत इकाई है। तभी तो हम नदियों को मां कहते हैं, हमारे कितने ही पर्व, त्योहार, उत्सव, उमंग इन माताओं की गोद में होते हैं: विश्व नदी दिवस पर मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी pic.twitter.com/MEbzkbNXD6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 26, 2021
पीएम मोदी ने कहा कि, ”हमारे शास्त्रों में नदियों में जरा सा प्रदूषण करने को भी गलत बताया गया है। हम नदियों की सफाई और उन्हें प्रदूषण से मुक्त करने का प्रयास सबके प्रयास और सहयोग से कर सकते हैं। नमामि गंगे मिशन आज आगे बढ़ रहा है तो इसमें सभी लोगों के प्रयास, जगजागृति, जनआंदोलन की बड़ी भूमिका है।”
हमारे शास्त्रों में नदियों में जरा सा प्रदूषण करने को भी गलत बताया गया है। हम नदियों की सफाई और उन्हें प्रदूषण से मुक्त करने का प्रयास सबके प्रयास और सहयोग से कर सकते हैं। नमामि गंगे मिशन आज आगे बढ़ रहा है तो इसमें सभी लोगों के प्रयास, जगजागृति, जनआंदोलन की बड़ी भूमिका है: PM pic.twitter.com/cc91yMOZ69
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 26, 2021
पीएम मोदी के संबोधन की अहम बातें-
दीनदयाल जी के जीवन से हमें कभी हार न मानने की भी सीख मिलती है। विपरीत राजनीतिक और वैचारिक परिस्थितियों के बावजूद भारत के विकास के लिए स्वदेशी मॉडल के विजन से वे कभी डिगे नहीं।
दीनदयाल जी ने सीख दी, कि हम समाज से, देश से इतना कुछ लेते हैं, जो कुछ भी है, वो देश की वजह से ही तो है इसलिए देश के प्रति अपना ऋण कैसे चुकाएंगे, इस बारे में सोचना चाहिए। ये आज के युवाओं के लिए बहुत बड़ा सन्देश है।
तीन साल पहले 25 सितम्बर को उनकी जन्म-जयंती पर ही दुनिया की सबसे बड़ी Health Assurance Scheme – आयुष्मान भारत योजना लागू की गई थी। आज देश के दो-सवा-दो करोड़ से अधिक गरीबों को आयुष्मान भारत योजना के तहत अस्पताल में 5 लाख रु तक का मुफ्त इलाज मिल चुका है
आज इतने दशकों बाद, स्वच्छता आन्दोलन ने एक बार फिर देश को नए भारत के सपने के साथ जोड़ने का काम किया है। और ये हमारी आदतों को बदलने का भी अभियान बन रहा है।
हमारे आज के नौजवान को ये जरुर जानना चाहिए कि साफ़-सफाई के अभियान ने कैसे आजादी के आन्दोलन को एक निरंतर ऊर्जा दी थी। ये महात्मा गांधी ही तो थे, जिन्होंने स्वच्छता को जन-आन्दोलन बनाने का काम किया था।
कभी भी छोटी बात को छोटी चीज़ को, छोटी मानने की गलती नहीं करनी चाहिए। अगर महात्मा गांधी जी के जीवन की तरफ हम देखेंगे तो हम हर पल महसूस करेंगे कि छोटी-छोटी बातों की उनके जीवन में कितनी बड़ी अहमियत थी और छोटी-छोटी बातों को ले करके बड़े बड़े संकल्पों को कैसे उन्होंने साकार किया था।
आजकल एक विशेष E-ऑक्शन, ई-नीलामी चल रही है। ये इलेक्ट्रॉनिक नीलामी उन उपहारों की हो रही है, जो मुझे समय-समय पर लोगों ने दिए हैं। इस नीलामी से जो पैसा आएगा, वो ‘नमामि गंगे’ अभियान के लिये ही समर्पित किया जाता है।
हम नदियों की सफाई और उन्हें प्रदूषण से मुक्त करने का काम सबके प्रयास और सबके सहयोग से कर ही सकते हैं। ‘नमामि गंगे मिशन’ भी आज आगे बढ़ रहा है तो इसमें सभी लोगों के प्रयास, एक प्रकार से जन-जागृति, जन-आंदोलन, उसकी बहुत बड़ी भूमिका है।
उसी प्रकार से बारिश के बाद बिहार और पूरब के हिस्सों में छठ का महापर्व मनाया जाता है। मुझे उम्मीद है कि छठ पूजा को देखते हुए नदियों के किनारे, घाटों की सफाई और मरम्मत की तैयारी शुरू कर दी गई होगी।
जैसे गुजरात में बारिश की शुरुआत होती है तो गुजरात में जल-जीलनी एकादशी मनाते हैं। मतलब की आज के युग में हम जिसको कहते है ‘Catch the Rain’ वो वही बात है कि जल के एक-एक बिंदु को अपने में समेटना, जल-जीलनी।