नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने शुक्रवार को साबरमती आश्रम से आजादी का अमृत महोत्सव का शुभारंभ करते हुए कहा कि आज जब मैं सुबह दिल्ली से निकला तो, बहुत ही अद्भुत संयोग हुआ। अमृत महोत्सव के प्रारंभ होने से पहले आज देश की राजधानी में अमृत वर्षा भी हुई और वरुण देव ने आशीर्वाद भी दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, “आज आजादी के अमृत महोत्सव का प्रारंभ हो रहा है। अमृत महोत्सव 15 अगस्त, 2022 से 75 सप्ताह पूर्व आज प्रारंभ हुआ है और 15 अगस्त, 2023 तक चलेगा। हम सभी का सौभाग्य है कि हम आजाद भारत के इस ऐतिहासिक कालखंड के साक्षी बन रहे हैं। आज दांडी यात्रा की वर्षगांठ पर हम बापू की इस कर्म-स्थली पर इतिहास बनते भी देख रहे हैं और इतिहास का हिस्सा भी बन रहे हैं।”
उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव के महत्व की चर्चा की। उन्होंने कहा, “आजादी का अमृत महोत्सव यानी- आजादी की ऊर्जा का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी – स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी – नए विचारों का अमृत। नए संकल्पों का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी – आत्मनिर्भरता का अमृत।”
अहम बातें-
आज दुनिया के देश भारत का धन्यवाद कर रहे हैं, भारत पर भरोसा कर रहे हैं। यही नए भारत के सूर्योदय की पहली छटा है। यही हमारे भव्य भविष्य की पहली आभा है।
कोरोना काल में ये हमारे सामने प्रत्यक्ष सिद्ध भी हो रहा है। मानवता को महामारी के संकट से बाहर निकालने में, वैक्सीन निर्माण में भारत की आत्मनिर्भरता का आज पूरी दुनिया को लाभ मिल रहा है।
आज भी भारत की उपल्धियां सिर्फ हमारी अपनी नहीं हैं, बल्कि ये पूरी दुनिया को रोशनी दिखाने वाली हैं, पूरी मानवता को उम्मीद जगाने वाली हैं। भारत की आत्मनिर्भरता से ओतप्रोत हमारी विकास यात्रा पूरी दुनिया की विकास यात्रा को गति देने वाली है।
देश इतिहास के इस गौरव को सहेजने के लिए पिछले 6 सालों से सजग प्रयास कर रहा है। हर राज्य, क्षेत्र में इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। दांडी यात्रा से जुड़े स्थल का पुनरुद्धार देश ने दो साल पहले ही पूरा किया था। मुझे खुद इस अवसर पर दांडी जाने का अवसर मिला था।
जालियांवाला बाग में स्मारक हो या फिर पाइका आंदोलन की स्मृति में स्मारक, सभी पर काम हुआ है। बाबा साहेब से जुड़े जो स्थान दशकों से भूले बिसरे पड़े थे, उनका भी विकास देश ने पंचतीर्थ के रूप में किया है।
अंडमान में जहां नेताजी सुभाष ने देश की पहली आजाद सरकार बनाकर तिरंगा फहराया था, देश ने उस विस्मृत इतिहास को भी भव्य आकार दिया है। अंडमान निकोबार के द्वीपों को स्वतंत्रता संग्राम के नामों पर रखा गया है।
तमिलनाडु की ही वेलू नाचियार वो पहली महारानी थीं, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। इसी तरह, हमारे देश के आदिवासी समाज ने अपनी वीरता और पराक्रम से लगातार विदेशी हुकूमत को घुटनों पर लाने का काम किया था।
श्यामजी कृष्ण वर्मा, अंग्रेजों की धरती पर रहकर, उनकी नाक के नीचे आजादी के लिए संघर्ष करते रहे। लेकिन उनकी अस्थियां 7 दशकों तक इंतजार करती रही कि कब उन्हें भारतमाता की गोद नसीब होगी। 2003 में विदेश से उनकी अस्थियां मैं अपने कंधे पर उठाकर ले आया था।
देश के कोने-कोने से कितने ही दलित, आदिवासी, महिलाएं और युवा हैं जिन्होंने असंख्य तप-त्याग किए। याद करिए, तमिलनाडु के 32 वर्षीय नौजवान कोडि काथ् कुमरन को, अंग्रेजों ने उनको सिर में गोली मार दी, लेकिन उन्होंने मरते हुये भी देश के झंडे को जमीन में नहीं गिरने दिया।
आजादी के आंदोलन की इस ज्योति को निरंतर जागृत करने का काम, पूर्व-पश्चिम-उत्तर-दक्षिण, हर दिशा में, हर क्षेत्र में, हमारे संतो-महंतों, आचार्यों ने किया था। एक प्रकार से भक्ति आंदोलन ने राष्ट्रव्यापी स्वाधीनता आंदोलन की पीठिका तैयार की थी।
1857 का स्वतंत्रता संग्राम, महात्मा गांधी का विदेश से लौटना, देश को सत्याग्रह की ताकत फिर याद दिलाना, लोकमान्य तिलक का पूर्ण स्वराज्य का आह्वान, सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज का दिल्ली मार्च, दिल्ली चलो का नारा कौन भूल सकता है।
हम आज भी कहते हैं कि हमने देश का नमक खाया है। ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि नमक कोई बहुत कीमती चीज है। ऐसा इसलिए क्योंकि नमक हमारे यहां श्रम और समानता का प्रतीक है।
हमारे यहां नमक को कभी उसकी कीमत से नहीं आँका गया। हमारे यहाँ नमक का मतलब है- ईमानदारी। हमारे यहां नमक का मतलब है- विश्वास। हमारे यहां नमक का मतलब है- वफादारी।
किसी राष्ट्र का भविष्य तभी उज्ज्वल होता है, जब वो अपने अतीत के अनुभवों और विरासत के गर्व से पल पल जुड़ा रहता है। फिर भारत के पास तो गर्व करने के लिए अथाह भंडार है, समृद्ध इतिहास है, चेतनामय सांस्कृतिक विरासत है।
आजादी का अमृत महोत्सव यानी- आजादी की ऊर्जा का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी – स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी – नए विचारों का अमृत। नए संकल्पों का अमृत। आजादी का अमृत महोत्सव यानी – आत्मनिर्भरता का अमृत।
Freedom Struggle, Ideas at 75, Achievements at 75, Actions at 75, और Resolves at 75 ये पांचों स्तम्भ आजादी की लड़ाई के साथ साथ आजाद भारत के सपनों और कर्तव्यों को देश के सामने रखकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे।
मैं इस पुण्य अवसर पर बापू के चरणों में अपने श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। मैं देश के स्वाधीनता संग्राम में अपने आप को आहूत करने वाले, देश को नेतृत्व देने वाली सभी महान विभूतियों के चरणों में आदरपूर्वक नमन करता हूं।
हम सभी का सौभाग्य है कि हम आजाद भारत के इस ऐतिहासिक कालखंड के साक्षी बन रहे हैं। आज दांडी यात्रा यात्रा की वर्षगांठ पर हम बापू की इस कर्म स्थली पर इतिहास बनते भी देख रहे हैं और इतिहास का हिस्सा भी बन रहे हैं।
आज आजादी के अमृत महोत्सव का प्रारंभ हो रहा है। अमृत महोत्सव 15 अगस्त, 2022 से 75 सप्ताह पूर्व आज प्रारंभ हुआ है और 15 अगस्त, 2023 तक चलेगा।
आज जब मैं सुबह दिल्ली से निकला तो, बहुत ही अद्भुत संयोग हुआ। अमृत महोत्सव के प्रारंभ होने से पहले आज देश की राजधानी में अमृत वर्षा भी हुई और वरुण देव ने आशीर्वाद भी दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में आज़ादी का अमृत महोत्सव की वेबसाइट को लॉन्च किया।
गुजरात: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में आज़ादी का अमृत महोत्सव की वेबसाइट को लॉन्च किया। pic.twitter.com/mVopZ2Av30
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 12, 2021
पीएम मोदी ने साबरमती आश्रम में लिखा ये संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने साबरमती आश्रम की विजिटर बुक में एक संदेश भी लिखा। पीएम मोदी ने लिखा, साबरमती आश्रम में आकर, पूज्य बापू की प्ररेणा से राष्ट्रनिर्माण का संकल्प और मजबूत होता है। यहां के पवित्र वातावरण, यहां कि स्मृतियों से जब हम एकाकार होते हैं तो स्वाभाविक ही तप और त्याग की भावना बढ़ जाती है। साबरमती आश्रम से गांधी जी ने आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान का भी संदेश दिया था।
उन्होंने आगे लिखा, आजादी के अमृत महोत्सव के प्रारंभ के लिए प्रेरणा के लिए, इस पुण्य स्थली पर पुन: आकर मैं धन्य महसूस कर रहा हूं। आजादी का अमृत महोत्सव, भारत के स्वतंत्रता संग्राम को कृतज्ञ देशवासियों द्वारा दी जा रही कार्याजंलि है। इस महोत्सव के दौरान देश अपनी स्वतंत्रता के आंदोलन के हर पड़ाव हर अहम क्षण को तो याद करेगा ही, भविष्य निर्माण के लिए नई उर्जा के साथ आगे भी बढ़ेगा। मुझे विश्वास है कि पूज्य बापू के आशीर्वाद से, हम भारतवासी, अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए, अमृत महोत्सव के उद्देश्यों को अवश्य सिद्ध करेंगे।
#WATCH Gujarat: Cultural performances underway near Abhay Ghat in Ahmedabad. PM Narendra Modi will flag off the Dandi March from here today, as part of the Amrit Mahotsav programme to mark the 75 years of India’s independence. pic.twitter.com/7J5XnWz7ER
— ANI (@ANI) March 12, 2021
Gujarat: Prime Minister Narendra Modi sees pictures, magazines & other collections at a special exhibition near Abhay Ghat in Ahmedabad, as part of Amrit Mahotsav programme. pic.twitter.com/hvat05ftaw
— ANI (@ANI) March 12, 2021
Gujarat: Prime Minister Narendra Modi garlands a portrait of Mahatma Gandhi at Hriday Kunj, Sabarmati Ashram in Ahmedabad. pic.twitter.com/h0U5Fcn4X9
— ANI (@ANI) March 12, 2021
प्रधानमंत्री मोदी ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम के हृदय कुंज में महात्मा गांधी की तस्वीर को माला अर्पित की। इस दौरान उनके साथ गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद रहे।
गुजरात: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम के हृदय कुंज में महात्मा गांधी की तस्वीर को माला अर्पित की। इस दौरान उनके साथ गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद रहे। pic.twitter.com/KX5EClvM1Q
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 12, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी को पुष्पांजलि दी। प्रधानमंत्री यहां पदयात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे और आजादी का अमृत महोत्सव के शुरुआती कार्यक्रमों का उद्घाटन करेंगे।
गुजरात: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में महात्मा गांधी को पुष्पांजलि दी। प्रधानमंत्री यहां पदयात्रा को हरी झंडी दिखाएंगे और आजादी का अमृत महोत्सव के शुरुआती कार्यक्रमों का उद्घाटन करेंगे। pic.twitter.com/rOD23i1CR0
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 12, 2021