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Atique Ahmed: माफिया अतीक के दफ्तर पहुंची पुलिस के उड़े होश, जगह-जगह मिले खून के निशान और चाकू

Atique Ahmed: आपको बता दें कि साल 2017 में अतीक के इस दफ्तर प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने बुलडोजर चलाया था उसके बाद से ही माफिया का यह बंद पड़ा हुआ था। माना जा रहा है कि अतीक की गैंग ने इसी बंद पड़े दफ्तर से उमेश पाल हत्याकांड की साजिश रची थी।

चकिया इलाके में यही है अतीक अहमद का दफ्तर। इसे योगी सरकार ने बुलडोजर से ध्वस्त करा दिया था।

नई दिल्ली। माफिया अतीक अहमद को लेकर बड़ी खबर आई है। अतीक अहमद के प्रयागराज के चकिया स्थित दफ्तर में कई जगहों पर खून के धब्बे मिले है। पुलिस की टीम उस वक्त होश फाख्ता हो गए जब वो माफिया के दफ्तर में एक नहीं बल्कि कई जगह पर खून के निशाने मिले। इसके अलावा पुलिस को उसके ऑफिस से एक खून से सना चाकू और दुपट्टा भी बरामद हुआ है। सीढ़ियों और कपड़ों पर खून के धब्बे मिले है। मौके पर पहुंची पुलिस अब जांच पड़ताल में जुट गई है। साथ ही ये पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिर ये खून के निशाने किसके है? अतीक के चकिया स्थित ऑफिस का वीडियो भी सामने आया है। जिसमें जगह-जगह पर खून के धब्बे नजर आ रहे हैं।

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ज्ञात हो कि 15 अप्रैल को मेडिकल जांच के लिए अतीक और अशरफ को तीन शूटर्स ने मीडियाकर्मी बनकर गोलिया से छलनी कर दिया था। हालांकि अतीक-अशरफ मौत की नींद सो चुके है। लेकिन खून के सूबत और काले कारनामे हर रोज पुलिस को मिल रहे है। बता दें कि साल 2017 में अतीक के इस दफ्तर प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने बुलडोजर चलाया था उसके बाद से ही माफिया का यह बंद पड़ा हुआ था।

माना जा रहा है कि अतीक की गैंग ने इसी बंद पड़े दफ्तर से उमेश पाल हत्याकांड की साजिश रची थी। उमेश पाल की हत्याकांड के बाद अतीक अहमद के इस खंडहरनुमा हो चुके ऑफिस से पुलिस की टीम ने लाखों रुपये कैश बरामद किए थे। इतना ही नहीं पुलिस को नोट गिनने के लिए मशीन तक मंगवानी पड़ी थी। इसके अलावा अतीक के दफ्तर से हथियारों का जखीरा और कई कारतूस और मोबाइल फोन भी मिला था।

वहीं उमेश पाल हत्याकांड में आरोपी अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन बीते कई दिनों से फरार चल रही है। पुलिस शाइस्ता को अभी तक पकड़ नहीं पाई है। शाइस्ता अपनी मददगारों की बदौलत पुलिस के शिकंजे में नहीं आ पाई है। गौरतलब है कि राजूपाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल को अतीक अहमद के शूटरों ने 24 फरवरी को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हमले में उमेश पाल के सुरक्षा में तैनात 2 गनर की भी मौत हो गई थी।