बेंगलुरु। इसरो ने अब निजी कंपनियों के लिए स्पेस सेक्टर खोल दिया है। इसरो प्रमुख के सिवन का कहना है कि भारत की औद्योगिक बुनियाद को मजबूत बनाने में स्पेस सेक्टर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि इस सेक्टर में उन्नत अंतरिक्ष तकनीकों के साथ शामिल कुछ देशों में से भारत भी है। सिवन ने बताया कि अब गगनयान, चंद्रयान और मंगलयान जैसे मिशन में भी निजी कंपनियों भागीदार होंगी। इसके साथ ही रॉकेट निर्माण से लेकर लॉन्च पैड आदि में भी निजी कंपनियों की भागीदारी होगी। हालांकि उन्होंने साफ किया कि निजी क्षेत्र के आने से इसरो की गतिविधियों में कोई भी असर नहीं पड़ेगा।
इसरो प्रमुख ने कहा, ”अंतरिक्ष क्षेत्र जहां भारत उन्नत अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी वाले देशों में से एक है। स्पेस सेक्टर भारत के औद्योगिक क्षेत्र को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। निजी क्षेत्र को स्पेस सेक्टर में प्रवेश की अनुमति देकर इसरो की उपलब्धि का लाभ उठाने के लिए सरकार ने सुधार के उपायों को लागू करने का निर्णय लिया है।”
It will act as a national nodal agency for handholding and promoting private sector in space endeavours and for this ISRO will share its technical expertise as well as facilities: ISRO Chief K Sivan https://t.co/HMUIKJgD4k
— ANI (@ANI) June 25, 2020
के सिवन ने कहा कि अगर स्पेस सेक्टर को प्राइवेट इंटरप्राइजेज के लिए खोला जाता है तो देशभर की क्षमता का उपयोग अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से लाभ प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह न केवल क्षेत्र के त्वरित विकास में परिणाम देगा बल्कि भारतीय उद्योग को वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण जगह बनाने में सफल बनाएगा। उन्होंने कहा कि इसी के साथ टेक्नॉलजी सेक्टर में बड़े स्तर पर रोजगार की संभावना बनेगी और भारत ग्लोबल टेक्नॉलजी पावरहाउस बनेगा।
लॉकडाउन से प्रभावित हुआ स्पेस अभियान
इसरो प्रमुख ने कहा कि कोरोना लॉकडाउन के चलते अंतरिक्ष में मानव को भेजने और चंद्रयान-3 अभियान में देर होने के अलावा इस साल लॉन्च होने वाले 10 अंतरिक्ष अभियान भी बाधित हुए। इसरो प्रमुख ने कहा कि इसरो अपने अंतरिक्ष अभियानों पर लॉकडाउन के प्रभाव का आकलन करेगा।