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Putin-Modi Call: 1 साल में 5वीं बार पीएम मोदी को आया पुतिन का फोन, आखिर रूस को क्यों आ रही है भारत की इतनी याद?

Modi-Putin Call : यूक्रेन-रूस के बीच छिड़ी लड़ाई की शुरुआत से ही रूस पर यूरोप और अमेरिका द्वारा दुनिया भर के बैन जड़ दिए गए। इसके अलावा तमाम देशों ने रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया।

नई दिल्ली। भारत और रूस की दोस्ती बेहद पुरानी है। अमेरिका और चीन दोनों इस बात को समझते हैं। यूक्रेन-रूस युद्ध के मुद्दे पर जब यूरोप में भारत से यूक्रेन का साथ देने की अपील की थी तो भारत ने अपने स्टैंड को न्यूट्रल रखा था। भारत रूस के खिलाफ टिप्पणी से बचता आया है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए रूस नहीं जाएंगे। यह तय होने के बाद रूसी राष्ट्रपति पुतिन और पीएम मोदी ने शुक्रवार को फोन पर बात की। रूस की ओर से पहल पर यह बातचीत हुई। इस बातचीत में दोनों नेताओं ने रूस यूक्रेन युद्ध और भारत-रूस द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति पर चर्चा की। यूक्रेन हमले के बाद इस साल दोनों नेताओं की यह पांचवी बातचीत है। भारत की ओर से जारी बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार फिर लड़ाई की जगह बातचीत के जरिए समस्याओं को हल करने का आह्वान किया है।

यहां समझें क्यों महत्वपूर्ण है ये बातचीत

आपको बता दें कि यूक्रेन-रूस के बीच छिड़ी लड़ाई की शुरुआत से ही रूस पर यूरोप और अमेरिका द्वारा दुनिया भर के बैन जड़ दिए गए। इसके अलावा तमाम देशों ने रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया। लेकिन भारत लगातार रूस से कच्चा तेल खरीदता रहा। रूस भी भारत को सस्ते दाम पर तेल उपलब्ध कराता रहा है। G7 देश इसे युद्ध की फंडिंग के तौर पर देखते हैं, इसलिए हाल ही में उन्होंने रूसी तेल पर 60 डॉलर के दाम का एक कैप लगा दिया। यानी कोई भी देश इससे ज्यादा की कीमत पर तेल नहीं खरीदेगा। वहीं पुतिन कह चुके हैं कि कोई भी देश जो इस कैप को मानेगा उसे तेल नहीं दिया जाएगा।

आपको बता दें कि, दुनिया भर के जहाजों का बीमा करने वाली पश्चिमी कंपनियां अब रूसी तेल टैंकरों का बीमा नहीं कर रही हैं, जिससे जहाजों से तेल भेजना मुश्किल हो रहा है। ऐसे समय में दोनों नेताओं के बीच यह बातचीत खास है। युद्ध शुरू होने के बाद रूस से भारत को तेल के निर्यात में 14 गुना की इजाफा हुआ है।