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Rahul Gandhi: चाचा की गलती तो दिख गई, लेकिन अपनी वो गलतियां राहुल गांधी को नहीं दिखतीं जिनसे कांग्रेस हुई बर्बाद

Rahul Gandhi: पार्टी के नेताओं की नाराजगी का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि जो कभी राहुल गांधी करीबियों में गिने जाते थे वह आज कांग्रेस का दामन छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल हो गए। इनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद जैसे नेताओं का नाम शामिल है।  जो कि कांग्रेस के युवा और तेज तर्रार नेताओं में शुमार रहे। अब भाजपा में शामिल हो गए हैं।

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने एक वीडियो बनाया। इस वीडियो में राहुल गांधी ने अपने पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ बचपन में किए गए विमान सफर को याद किया। इस दौरान राहुल गांधी ने अपने चाचा संजय गांधी की मौत को याद करते हुए एक बड़ा बयान दिया। दरअसल राहुल ने संजय गांधी की मौत को याद करते हुए कहा कि अगर चाचा ने बड़े भाई (राजीव गांधी) की बात को मान ली होती तो वो हादसा नहीं होता। ये बातें राहुल गांधी ने भारतीय युवा कांग्रेस की ओर से आयोजित एक फोटो प्रदर्शनी के दौरान कही। लेकिन अहम बात ये है कि राहुल को अपने चाचा की गलती तो नजर आ गई। मगर उन्हें अपनी वो गलतियां नहीं दिख रही हैं जिसके कारण देश की सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी बर्बादी की राह पर पहुंच गई है। पार्टी में अंदरूनी कलह लगातार बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस के कई दिग्गज नेता पार्टी छोड़कर चल गए है या फिर कुछ लगातार पार्टी के खिलाफ बगावती तेवर अपनाए हुए हैं। लेकिन राहुल इन सबसे बेखबर अपने चाचा की गलती को गौर से देख रहे हैं।

आलम ये है कि हाल ही में पश्चिम बंगाल, केरल समेत 5 राज्यों में हुए चुनाव में कांग्रेस को करारी हार झेलनी पड़ी थी। जिसके बाद पार्टी के अंदर बवाल भी देखने को मिला था। इसके साथ ही पार्टी के कई दिग्गज नेताओं ने हार के बाद आत्मचिंतन और पार्टी की कमान किसी वरिष्ठ को सौंपने की मांग भी की। लेकिन गांधी परिवार ने इन सबको अनदेखा कर दिया। समस्या ये भी है कि कांग्रेस आलाकमान अपनी नाकामियों का सारा दोष किसी और पर डाल देता है। जिसका नतीजा ये है कि कांग्रेस पार्टी अब कुछ राज्यों में सिमट कर रह गई। इतना नहीं जहां भी अब कांग्रेस की सरकार बची है वहां भी अंदरूनी कलह सामने आ रही है, चाहे पंजाब हो या राजस्थान, या फिर छत्तीसगढ़। कांग्रेस को बचाने में राहुल गांधी हर तरफ से विफल साबित होते दिख रहे हैं।

rahul gandhi and sonia gandhi

पार्टी के नेताओं की नाराजगी का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि जो कभी राहुल गांधी करीबियों में गिने जाते थे वह आज कांग्रेस का दामन छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल हो गए। इनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद जैसे नेताओं का नाम शामिल है।  जो कि कांग्रेस के युवा और तेज तर्रार नेताओं में शुमार रहे। अब भाजपा में शामिल हो गए हैं।

इसके अलावा राहुल गांधी के बेतुके बयान भी कांग्रेस की दुर्दशा के लिए जिम्मेदार है। राहुल गांधी अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते रहते हैं। पीएम मोदी को निशाना बनाने के चक्कर कई बार विवादित टिप्पणियां भी कर चुके हैं। राहुल ने चौकीदार चोर है तक कह डाला, जिसके बाद उन्हें अपने इस बयान के लिए सुप्रीम कोर्ट में मांफी तक मांगनी पड़ी। राहुल ने मोदी के लिए खून का दलाल भी कहा था। इसके अलावा उनके करीबी मणिशंकर अय्यर ने मोदी को नीच की संज्ञा दी थी।

rahul manifesto

फिलहाल जिस तरह के हालात दिख रहे हैं, ऐसा लगने लगा है कि भविष्य में भी पार्टी की दशा सुधरने वाली नहीं है। बड़ी बात ये भी है कि राहुल गांधी पार्टी पूरी ताकत अपने पास रखना चाहते हैं, ऐसे में पार्टी के दिग्गजों का रास नहीं आ रहा हैं और वह पार्टी के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं। अगर यही स्थिति आगे भी रही, तो वो समय दूर नहीं है, जब कांग्रेस में केवल गांधी परिवार ही रह जाएगा।