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Prashant Kishor: ‘भारत जोड़ो यात्रा से राहुल को कोई फायदा नहीं’, प्रशांत किशोर ने बताई इसकी बड़ी वजह

हैं। प्रशांत किशोर ने इस मौके पर ये भी कहा कि उन्होंने राजनीतिक रणनीतिकार के तौर पर काम बंद कर दिया है। अब वो लोगों के लिए काम करना चाहते हैं। अलग विदर्भ राज्य की मांग करने वालों से पीके ने कहा कि वे क्षेत्र के लोगों के साथ इस बारे में एकजुट कोशिश करें, तो सफलता मिल सकती है।

नागपुर। राहुल गांधी कन्याकुमारी से कश्मीर के श्रीनगर तक भारत जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं। इस यात्रा से कांग्रेस को पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के खिलाफ बड़ा जनसमर्थन मिलने की उम्मीद है, लेकिन कांग्रेस की इस उम्मीद पर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने पानी फेरने वाला बयान दिया है। नागपुर में मंगलवार को अलग विदर्भ राज्य की मांग से जुड़े एक कार्यक्रम में प्रशांत किशोर ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस या राहुल को कोई फायदा नहीं होने वाला। उन्होंने कहा कि इसकी वजह ये है कि राहुल गांधी ने ये यात्रा गलत जगह से शुरू की है।

rahul gandhi bharat jodo yatra

पीके के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत गुजरात, यूपी या मध्यप्रदेश जैसे बीजेपी शासित राज्यों से की होती, तो बेहतर था। इसकी वजह उन्होंने बताई कि गुजरात में इस साल के अंत और मध्यप्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। प्रशांत किशोर ने इस मौके पर ये भी कहा कि उन्होंने राजनीतिक रणनीतिकार के तौर पर काम बंद कर दिया है। अब वो लोगों के लिए काम करना चाहते हैं। अलग विदर्भ राज्य की मांग करने वालों से पीके ने कहा कि वे क्षेत्र के लोगों के साथ इस बारे में एकजुट कोशिश करें, तो सफलता मिल सकती है। बता दें कि अलग विदर्भ राज्य की काफी दिनों से मांग हो रही है। फिलहाल विदर्भ का हिस्सा महाराष्ट्र में है। यहां के किसानों की दयनीय दशा के कारण ये इलाका सुर्खियों में रहता है।

prashant kishor nagpur

प्रशांत किशोर के बारे में इस साल की शुरुआत में खबर आई थी कि वो कांग्रेस ज्वॉइन कर सकते हैं, लेकिन ये खबर सच साबित नहीं हुई। प्रशांत ने साल 2014 में नरेंद्र मोदी के लिए प्रचार का जिम्मा संभाला था और बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में झंडे फहरा दिए थे। इसके बाद पीके बिहार जाकर नीतीश कुमार के साथ हो गए। फिर वहां से पंजाब में कांग्रेस के तत्कालीन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार बने। फिर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के साथ जुड़े। तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर राव के साथ भी कुछ दिन काम किया। महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी के साथ भी उनके तालमेल की कोशिश करने की खबरें आई थीं। फिलहाल वो बिहार में 2 अक्टूबर से पदयात्रा करने वाले हैं।