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Railway Minister Ashwini Vaishnav: पद संभालते ही एक्शन में आए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, आते ही बदल दिया ये नियम

Railway Minister Ashwini Vaishnav: बृहस्पतिवार को कार्यभार संभालने के बाद अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि रेलवे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का एक अहम हिस्सा है। ऐसे में रेलवे का लक्ष्य ये है कि हम इसके द्वारा लोगों के जीवन में बदलाव ला सकें, ताकि आम आदमी, किसान, गरीब सभी इसका लाभ उठा सके।

नई दिल्ली। बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कैबिनेट में बड़ा फेरबदल किया है जिसके बाद उन्होंने कई मंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाकर नए चेहरों पर भरोसा जताया है। पीएम मोदी ने पहली ही बैठक में मंत्रियों को चेताते हुए ये भी कहा था कि बाते कम और काम ज्यादा करना है। पीएम मोदी की इसी सलाह पर अमल करते हुए अश्विनी वैष्णव () ने रेल मंत्रालय की कमान संभालते ही बड़े बदलाव का ऐलान कर दिया है। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव की घोषणा के मुताबिक अब मंत्रालय से जुड़े विभाग के कर्मचारी और अधिकारी अब दो शिफ्टों में काम करेंगे। बता दें, रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री कार्यालय से एक नोट जारी किया गया है जिसमें ये कहा गया है कि रेलमंत्री के निर्देश के मुताबिक अब मंत्रालय के सभी स्टाफ तत्काल प्रभाव से दो शिफ्ट में काम करेंगे।

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निर्देश के मुताबिक, पहली शिफ्ट सुबह 7 बजे से शुरू होगी जो शाम 4 बजे तक चलेगी। वहीं दूसरी शिफ्ट दोपहर बाद 3 बजे से शुरू होगी जो कि देर रात 12 बजे तक चलेगी। यहां रेलवे बोर्ड के अधिकारी ने साफ करते हुए कहा है कि मंत्रालय द्वारा जारी किया गया आदेश केवल रेल मंत्री सेल के लोगों के लिए है। निजी और रेलवे स्टाफ पहले की तरह ही अपने काम करेंगे।

रेलवे के जरिये लोगों का जीवन बदलना मकसद- वैष्णव

बृहस्पतिवार को कार्यभार संभालने के बाद अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि रेलवे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन का एक अहम हिस्सा है। ऐसे में रेलवे का लक्ष्य ये है कि हम इसके द्वारा लोगों के जीवन में बदलाव ला सकें, ताकि आम आदमी, किसान, गरीब सभी इसका लाभ उठा सके।

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आपको बता दें, आईआईटी कानपुर से एमटेक और 1994 बैच के पूर्व आईएएस अधिकारी वैष्णव खासतौर से बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) की रूपरेखा बनाने और उसे अमल में लाने के लिए चर्चित हैं। वैष्णव को ऐसे समय में रेलमंत्री का पदभार दिया गया है जब उनके सामने निजी ट्रेन चलाने की चुनौती के साथ रेलवे की खाली जमीन के व्यावसायिक विकास की भी चुनौती होगी। ऐसे में अब देखना होगा कि क्या वह प्रशासनिक सुधार के साथ फिर से रेलवे को गति दे पाते है या नहीं।