पानीपत। टोक्यो ओलंपिक में 87 मीटर से ज्यादा दूरी तक भाला फेंककर गोल्ड मेडल हासिल करने वाले नीरज चोपड़ा के घर गुरुवार को राकेश टिकैत पहुंचे। आना था उन्हें दोपहर 12 बजे, लेकिन नीरज के गांव खंडरा पहुंचने में टिकैत ने शाम कर दी। तब तक नीरज के घरवाले उनका इंतजार करते रहे। नीरज के घरवालों को इतना इंतजार कराने के बावजूद राकेश टिकैत के चेहरे पर शर्म का कोई भाव नहीं था। न ही उन्होंने माफी मांगी। राकेश टिकैत ने नीरज के दादा धर्मवीर सिंह और पिता सतीश चोपड़ा को माला पहनाकर सम्मानित किया और बधाई दी। यहां टिकैत ने कहा कि नीरज किसी धर्म, जाति या खास वर्ग के लिए मेडल नहीं लाए हैं। इससे देश का मान पूरी दुनिया में बढ़ा है, जो देशवासियों के लिए गर्व की बात है।
उधर, नीरज के गोल्ड जीतने पर खुशी जताते हुए डाक विभाग ने जीपीओ के एक लेटर बॉक्स को सुनहरे रंग मे रंग दिया। इसमें लिखा गया है कि आखिर बॉक्स का रंग बदला क्यों गया है। देश में ये पहला डाकघर है, जहां लेटर बॉक्स का रंग लाल की जगह सुनहरा किया गया है। एसएसपीओ रंजीत सिंह ने इस खास लेटर बॉक्स का उद्घाटन किया।
नीरज भारत लौटकर केंद्र सरकार के सम्मान समारोह में शामिल हुए थे। इसके बाद उन्होंने सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे और सीडीएस बिपिन रावत से मुलाकात की थी। वह सेना की अपनी यूनिट राजपूताना राइफल्स के दिल्ली स्थित छावनी भी पहुंचे थे। जहां उनकी काफी आवभगत की गई। नीरज को सरकार और बीसीसीआई समेत तमाम संगठनों ने कुल 12 करोड़ रुपए का पुरस्कार देने का एलान किया हुआ है।