नई दिल्ली। किसान कानूनों को लेकर दिल्ली में चल रहे किसानों का आंदोलन अभी भी जारी है। ऐसे में सरकार और किसानों के बीच कई दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन सभी बैठक बेनतीजा साबित हुई हैं। वहीं जब 26 जनवरी को दिल्ली के लाल किला पर तिरंगे का अपमान किया गया तो माना जा रहा था कि किसानों का आंदोलन अब कमजोर साबित होगा। लोगों ने अटकलें लगानी शुरू कर दीं कि अब सरकार भी किसानों से शायद बातचीत नहीं करे। लेकिन इन सब बातों से अलग जब शनिवार को एक सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को लेकर कहा कि, “किसान और सरकार के बीच बातचीत का रास्ता हमेशा खुला है। मैं नरेंद्र तोमर की बात दोहारना चाहूंगा। भले ही सरकार और किसान आम सहमित पर नहीं पहुंचे हैं लेकिन हम किसानों के सामने विकल्प रख रहे हैं। वो इस पर चर्चा करें। किसान और मेरे बीच बस एक कॉल की दूरी है।”
पीएम मोदी द्वारा किसानों से बातचीत जारी रखने के बयान पर अब भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बातचीत शुरू करने को लेकर अपनी एक शर्त रख दी है। उन्होंने कहा है कि, “हमारे जो लोग जेल में बंद हैं वो रिहा हो जाएं फिर बातचीत होगी।”
हमारे जो लोग जेल में बंद हैं वो रिहा हो जाएं फिर बातचीत होगी। प्रधानमंत्री ने पहल की है और सरकार और हमारे बीच की एक कड़ी बने हैं। किसान की पगड़ी का भी सम्मान रहेगा और देश के प्रधानमंत्री का भी: राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता pic.twitter.com/Jnu0SN9Bcj
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 31, 2021
हालांकि इसके आगे उन्होंने अपनी बात में पीएम मोदी की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि, इस मामले में प्रधानमंत्री ने पहल की है और सरकार और हमारे बीच की एक कड़ी बने हैं। किसान की पगड़ी का भी सम्मान रहेगा और देश के प्रधानमंत्री का भी।”
वहीं इससे पहले शनिवार को मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी (Union Minister Pralhad Joshi) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सर्वदलीय बैठक हुई, लगभग सब पार्टियों ने बैठक में हिस्सा लिया। विपक्ष ने मांग की है कि लोकसभा में बिल के अलावा चर्चा हो और सरकार इसके लिए सहमत है। विपक्ष ने किसानों के मुद्दे पर भी चर्चा की मांग की है इसके लिए भी हम सहमत हैं। प्रह्लाद जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा है कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जो प्रस्ताव दिया था, हम उस पर चर्चा के लिए तैयार है।