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आरबीआई का ऐलान, रेपो रेट स्थिर, नहीं मिलेगी EMI में राहत

GDP ग्रोथ को लेकर आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि दूसरी तिमाही यानी जुलाई-अगस्त-सितंबर  में महंगाई दर ऊंची रह सकती है। हालांकि, अक्टूबर से इसमें गिरावट आने का अनुमान है।

नई दिल्ली। ब्याज दरों को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति ने अपना फैसला सुना दिया है। बता दें कि इस समिति ने अपने फैसले में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि, इस साल की बात करें तो रिजर्व बैंक ने लॉकडाउन को देखते हुए 2 बार में ब्याज दरों में 1.15 फीसदी की कटौती की है।

हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक ने आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए गोल्ड ज्वेलरी पर कर्ज की वैल्यू को बढ़ा दिया है। अब 90 फीसदी तक कर्ज मिल सकेगा। अभी तक सोने की कुल वैल्यू का 75% ही लोन मिलता है आप जिस बैंक या नॉन-बैकिंग फाइनेंस कंपनी में गोल्ड लोन का आवेदन करते हैं, वह पहले आपके सोने की गुणवत्ता की जांच करते हैं। सोने की गुणवत्ता के हिसाब से ही लोन की राशि तय होती है। आमतौर पर बैंक सोने के मूल्य के 75 फीसदी तक लोन दे देते हैं।

RBI

वहीं अगर RBI के फैसलों की बात करें तो उसने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट 4% पर बरकरार है. MPC ने सर्वसम्मति से ये फैसला किया है। रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बरकरार है. MSF, बैंक रेट 4.25% पर बरकरार है। ब्याज दरों को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि, जून में बढ़ी महंगाई दर को देखते हुए यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि RBI इस बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा। इस साल जून में एनुअल इनफ्लेशन रेट मार्च के 5.84 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 6.09 फीसदी हो गयी. यह RBI के मीडियम टर्म टारगेट से ज्यादा है। RBI का यह टारगेट 2-6 फीसदी है।

आरबीआई पॉलिसी समीक्षा के बाद भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि देश में आर्थिक सुधार शुरू हो गया है। उन्होंने बताया अच्छी बात ये हैं कि भारतीय विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। जबकि, दुनियाभर की अर्थव्यवस्था में तेज गिरावट आई है। जनवरी से लेकर जून तक बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की आर्थिक स्थिति बेहद खराब रही। अच्छी पैदावार से ग्रामीण इकोनॉमी में रिकवरी आने की उम्मीद है। कर्ज की दरों में बड़ी गिरावट देखी गई।

rbi

GDP ग्रोथ को लेकर आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि दूसरी तिमाही यानी जुलाई-अगस्त-सितंबर  में महंगाई दर ऊंची रह सकती है। हालांकि, अक्टूबर से इसमें गिरावट आने का अनुमान है। FY21 में GDP ग्रोथ निगेटिव रहने का अनुमान है। इकोनॉमिक रिवाइवल के लिए महंगाई पर नजर बनी है।