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Opinion: मशहूर वायरोलॉजिस्ट गगनदीप कंग बोलीं- बच्चों के लिए स्कूल खोलने की सख्त जरूरत

एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में डॉ. कंग ने कहा कि मेरा मानना है कि हमें बच्चों को स्कूल भेजना चाहिए, क्योंकि आमतौर पर बच्चों में कोरोना का गंभीर संक्रमण नहीं होता। स्कूल की कक्षाओं और अपने साथियों के साथ बातचीत में बच्चे जिस तरह सीखते हैं, उससे उन्हें ज्यादा फायदा होता है।

नई दिल्ली। देश की नामचीन विषाणु विशेषज्ञ यानी वायरोलॉजिस्ट डॉ. गगनदीप कंग ने कोरोना के बावजूद बच्चों को स्कूल भेजने की वकालत की है। उन्होंने कहा है कि बच्चों को गंभीर संक्रमण नहीं होता है। ऐसे में उन्हें स्कूलों से दूर रखना ठीक नहीं है। एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में डॉ. कंग ने कहा कि मेरा मानना है कि हमें बच्चों को स्कूल भेजना चाहिए, क्योंकि आमतौर पर बच्चों में कोरोना का गंभीर संक्रमण नहीं होता। स्कूल की कक्षाओं और अपने साथियों के साथ बातचीत में बच्चे जिस तरह सीखते हैं, उससे उन्हें ज्यादा फायदा होता है। डॉ. गगनदीप कंग ने कहा कि बच्चे स्वस्थ हों, तो बीमार पड़ने की आशंका कम होती है। ऐसे में बच्चों को स्कूल भेजना जरूरी है।

डॉ. कंग ने ये भी कहा कि दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन वैरिएंट कम गंभीर लग रहा है। जबकि, पहले के वैरिएंट काफी खतरनाक थे। उन्होंने कहा कि इसकी वजह ये भी हो सकती है कि ज्यादातर आबादी को वैक्सीन लग चुकी है या वे संक्रमित हो चुके हैं। इस वजह से ओमिक्रॉन ज्यादा चिंता की बात नहीं है। डॉ. कंग ने ये भी कहा कि लोगों को कोरोना के साथ ही जीना सीखना होगा। उन्होंने ये भी कहा कि आज भारत बेहतर स्थिति में है और यहां के अस्पताल भी पहले के मुकाबले हालात का सामना करने के लिए ज्यादा तैयार हैं।

punjab school

बता दें कि भारत में इस समय कोरोना के मरीज लगातार बढ़ रहे हैं। इनमें से तमाम ओमिक्रॉन वैरिएंट के मिल रहे हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने तो ये दावा कर दिया है कि पूरे शहर में ओमिक्रॉन फैल गया है। डेल्टा वैरिएंट के प्रकोप के दौरान देश में ऑक्सीजन की कमी हो गई थी, लेकिन इस बार देशभर में पीएम केयर्स फंड से पीएम नरेंद्र मोदी ने 1700 से ज्यादा ऑक्सीजन प्लांट लगवाए हैं। ऐसे में कोरोना मरीजों को अगर ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है, तो इसकी कतई कमी भी नहीं होने जा रही है।