नई दिल्ली। बीते दिन देशभर में रामनवमी मनाई गई। कई राज्यों में इस दौरान झांकियां भी निकाली गई लेकिन उपद्रवियों ने इस शुभ अवसर पर माहौल बिगाड़ने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। गुजरात, झारखंड, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में पत्थराव और हिंसा की घटनाएं सामने आई। मध्य प्रदेश के खरगोन में भी इस मौके पर हिंसा देखने को मिली थी। राज्य में रामनवमी के शुभ मौके पर हुई इस घटना पर शिवराज सरकार एक्शन में आ गई है। इस घटना के एक दिन बाद यानी आज सोमवार से ही इस घटना में शामिल आरोपियों के खिलाफ एक्शन शुरू हो गया है। दंगाईयों के मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू हुई है। शहर के संवेदनशील छोटी मोहन टाकीज क्षेत्र में भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी में आरोपियों के मकानों को ध्वस्त किया गया है।
शोभायात्रा निकालने के दौरान हुआ था विवाद
बीते दिन रविवार को रामनवमीं पर शोभायात्रा निकालने के दौरान सम्प्रदायिक विवाद देखने को मिला था। इस दौरान दंगाईयो ने पथराव, आगजनी की घटना को भी अंजाम दिया। करीब रात 3 बजे तक अलग-अलग हिस्सों में आगजनी की घटनाएं देखने को मिली। इतना ही नहीं मौके पर गोली लगने से खरगोन एसपी सिद्धार्थ चौधरी और 10 पुलिस कर्मी घायल भी हो गए थे।
#रामनवमी के अवसर पर खरगोन में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मध्यप्रदेश की धरती पर दंगाइयों के लिए कोई स्थान नहीं है।
यह दंगाई चिन्हित कर लिए गए हैं, इनको छोड़ा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ कठोरतम कार्यवाही की जाएगी। pic.twitter.com/1hTzWX4WM9
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 11, 2022
CM ने कही ये बात..
वहीं, इस घटना को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि जो भी इस हिंसा मामले शामिल है उनकी पहचान कर ली गई है। इन लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। सीएम शिवराज सिंह ने ये भी कहा था कि रामनवमी के अवसर पर खरगोन में हुई घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। मध्यप्रदेश की धरती पर दंगाइयों के लिए कोई जगह नहीं है। ऐसे में इन पहचाने गए दंगाईयों को छोड़ा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।
मध्यप्रदेश: खरगोन में रामनवमी की शोभायात्रा पर जिन्होंने पथराव किया था पुलिस ने उन आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाया pic.twitter.com/q4GS4AMHa2
— Newsroom Post (@NewsroomPostCom) April 11, 2022
छिनी गई नौकरी
पत्रकारों को जानकारी देते हुए एक वरिष्ठ अफसर ने कहा कि दंगाइयों के अवैध निर्माण को तोड़ा गया है। कुछ कर्मचारियों का भी इसमें शामिल होने की जानकारी मिली है जिन्हें अभी सेवा से हटा दिया गया है। बताया जा रहा है दंगे में शामिल 4 शासकीय कर्मचारियों में से 3 की सेवा को समाप्त कर दिया गया है। वहीं एक शासकीय कर्मचारी के खिलाफ सस्पेंड करने की कार्रवाई की गई है। दंगाई की पहचान कर उनके घर बुलडोजर से ढाह दिये गये हैं। इंदौर कमिश्नर पवन शर्मा ने इस मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि सरकार की जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है जिसके तहत ये कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि इस हिंसा में शामिल 4 शासकीयकर्मियों में से 3 की सेवा को समाप्त कर दिया गया है। वहीं एक को सस्पेंड भी किया गया है।
कांग्रेस ने बनाई है कमेटी
खरगोन के डीआईजी तिलक सिंह का कहना है कि रविवार को रामनवमी जुलूस पर पथराव के बाद हमने 60-70 लोगों को हिरासत में लिया है। इन लोगों द्वारा कुछ घर और गाड़ियों को भी जला दिया गया था। एसपी को भी पांव में गोली लगी है। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है। खरगोन मामले की जांच के लिए कांग्रेस की तरफ से एक कमिटी भी बनाई बनाई गई है। इस कमेटी में पांच लोग हैं। पूर्व सीएम कमलनाथ के निर्देश पर सज्जन सिंह वर्मा को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है साथ ही कमिटी में पूर्व मंत्री मुकेश नायक, पूर्व मंत्री बाला बच्चन, पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी और अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष शेख अलीम हैं।