अयोध्या। राम मंदिर भारतीय राजनीति में एक ऐसा मुद्दा जिसको लेकर राजनीतिक दल चुनाव में अक्सर इसे भुनाने का प्रयास करते रहते हैं। खासकर यूपी की राजनीति में यह मुद्दा काफी असरदार माना जाता रहा है। फिलहाल अब जबकि राम मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है तो ऐसे में हर दल राम भक्तों पर डोरे डालने का प्रयास कर रहे हैं। बता दें कि इस बीच राम मंदिर निर्माण को लेकर देशभर से मिलने वाली समर्पण निधि को चंदा कहने पर अयोध्या के संत बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा पर आक्रोशित हो गए हैं। गौरतलब है कि संतों का कहना है कि, राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ईमानदारी से कार्य कर रहा है ऐसे में इसपर झूठा आरोप लगाना एकदम गलत है। बता दें कि तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने बीएसपी महासचिव को चेतावनी देते हुए कहा कि सतीश चंद्र मिश्र राम मंदिर निर्माण को लेकर बयानबाजी कर बाधा उत्पन्न न करें और रामंदिर पर राजनीति भी न करें। बता दें कि उन्होंने कहा कि, राम मंदिर निर्माण के लिए राम भक्तों द्वारा दी गई समर्पण निधि को चंदा कहकर सतीश चंद्र मिश्र अपमानित कर रहे हैं।
इसके अलावा उन्होंने चुनाव देख राम मंदिर के प्रति प्रेम दिखाने वाले लोगों को बरसाती मेंढक की संज्ञा दी। महंत परमहंस दास ने कहा कि, 2022 के चुनाव को देखते हुए बरसाती मेंढक की तरह कोई ब्राह्मण भक्त, हर कोई राम भक्त बनने का ढोंग कर रहा है। इस ड्रामे को जनता समझती है। राम लला का मंदिर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट निष्ठा के साथ काम कर रहा है।
सतीश चंद्र मिश्रा के बयान पर अयोध्या के कुछ संतों का कहना है कि बसपा महासचिव पहले अयोध्या आकर तथ्यों को देखें फिर बयानबाजी करें। संतों का कहना है कि, आप राजनीति कीजिए लेकिन भगवान श्रीराम के नाम पर सवाल उठाने का अधिकार आपका नहीं है। रही बात हिसाब-किताब कि एक-एक पैसे का हिसाब आपको मिल जाएगा। राम मंदिर निर्माण कार्य जारी है। लेकिन कोई पार्टी इस कार्य में रोड़ा अटकाने का काम न करें। इस तरह के कार्य को हिंदू समाज बर्दाश्त नहीं करेगा। ट्रस्ट व विहिप के पास एक एक पैसे का हिसाब है। किसी को भी इस राशि को लेकर हिसाब पता करना है तो ट्रस्ट के पास आए। बिना मतलब के बयानबाजी न करे।