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UP Election: मौर्य की बगावत के बाद अब BJP भी सबक सिखाने मैदान में उतरी, सपा-कांग्रेस को लग गया बड़ा झटका

UP Election 2022: दरअसल, बुधवार को सहारनपुर जनपद के बेहट से कांग्रेस विधायक नरेश सैनी ने भाजपा का दामन थाम लिया है। नरेश सैनी इमरान मसूद के बेहद करीबी माने जाते हैं। कांग्रेस पार्टी में नरेश सैनी की एंट्री इमरान मसूद ने ही करवाई और बेहट सीट से टिकट भी दिलवाया था।

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद दलबदल का खेल शुरु हो गया है। एक के बाद एक सभी पार्टियों के नेता दूसरे खेमे में जाने की होड़ में लग गए हैं। हाल ही में योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा का दामन छोड़ दिया। इतना ही नहीं उन्होंने पार्टी छोड़ते ही भाजपा निशाना साधते हुए कई गंभीर आरोप भी लगाए। हालांकि उन्होंने अभी किसी पार्टी में शामिल होने के संकेत नहीं दिए हैं। लेकिन माना जा रहा है कि वो समाजवादी पार्टी की साइकिल पर सवार हो सकते हैं। मगर किस पार्टी का दामन वो थामेंगे इसका ऐलान 14 जनवरी को करेंगे। वहीं मौर्य  के बगावत के बाद से अब सपा और कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने दूसरे खेमे में जाने का मन भी बना लिया है। इसी क्रम में आज कांग्रेस और सपा को बड़ा झटका लगा है।

दरअसल, बुधवार को सहारनपुर जनपद के बेहट से कांग्रेस विधायक नरेश सैनी (Naresh Saini) ने भाजपा का दामन थाम लिया है। नरेश सैनी इमरान मसूद के बेहद करीबी माने जाते हैं। कांग्रेस पार्टी में नरेश सैनी की एंट्री इमरान मसूद ने ही करवाई और बेहट सीट से टिकट भी दिलवाया था। वहीं इमरान मसूद के सपा में शामिल होने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि वो भाजपा का दामन थाम सकते हैं। इसके अलावा सिरसागंज से समाजवादी पार्टी के विधायक हरिओम यादव (Hariom Yadav) और सपा के पूर्व विधायक धर्मपाल यादव (Dharmpal Yadav) भाजपा में शामिल हो गए है।

Hari om Yadav

सबसे बड़ा झटका सपा को लगा है क्योंकि समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक में से एक हरिओम यादव थे। इतना ही नहीं वो सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के समधी भी है। बता दें कि हरिओम यादव पिछले काफी वक्त से पार्टी विरोधी काम कर रहे थे। जिसके चलते सपा विधायक हरिओम यादव को पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया था।