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UP: जुमे को हिंसा करने वालों के साथ खड़े हुए सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क, बोले- मजबूरी में करते हैं पत्थरबाजी

इससे पहले गुरुवार को भी बर्क ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि मुसलमानों पर जितना जुल्म हो सकता था, वो किया जा रहा है। देश के मुसलमानों ने सारी ज्यादती अब तक बर्दाश्त की है, लेकिन रसूल यानी पैगंबर के खिलाफ जो गुस्ताखी की गई, उसे किसी सूरत में मुसलमान बर्दाश्त नहीं कर सकता।

संभल। यूपी समेत देश में कई जगह पैगंबर मोहम्मद के बारे में नूपुर शर्मा के बयान के विरोध में सड़कों पर उतरे लोगों ने दंगा और हिंसा की। बच्चों को आगे रखकर पुलिस पर पथराव किया गया। इस हिंसा को समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने एक तरह से सही ठहरा दिया है। बर्क ने मीडिया से कहा कि मजबूरन पत्थरबाजी करनी होती है। उन्होंने इसे स्वाभाविक भी बता दिया। बता दें कि इससे पहले बर्क ने हेट स्पीच के मामले में एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ दर्ज केस पर भी सवाल उठाए थे। बर्क वही सांसद हैं, जो संसद में वंदे मातरम के गायन के वक्त लोकसभा से उठकर चले गए थे।

संभल से सपा के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने फिर कहा कि पैगंबर के बारे में जो टिप्पणियां नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल ने की, उसे मुसलमान कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता। हिंसा के बारे में अपनी राय को भी वो तर्कों के सहारे ठीक बताने में जुटे रहे। इससे पहले गुरुवार को भी बर्क ने विवादित बयान देते हुए कहा था कि मुसलमानों पर जितना जुल्म हो सकता था, वो किया जा रहा है। देश के मुसलमानों ने सारी ज्यादती अब तक बर्दाश्त की है, लेकिन रसूल यानी पैगंबर के खिलाफ जो गुस्ताखी की गई, उसे किसी सूरत में मुसलमान बर्दाश्त नहीं कर सकता। बर्क ने इसके साथ ही इस पूरे मामले में पीएम नरेंद्र मोदी से भी सामने आकर बयान देने की मांग की थी।

prayagraj riot

बता दें कि शुक्रवार को नूपुर और नवीन के पैगंबर के बारे में दिए बयान के बाद जुमे की नमाज पढ़कर निकले लोगों ने यूपी के प्रयागराज, सहारनपुर, मुरादाबाद, तेलंगाना के हैदराबाद, पश्चिम बंगाल में कोलकाता और हावड़ा, झारखंड के रांची में जमकर हिंसा की थी। पुलिस पर पथराव किया था। रांची में पुलिस को फायरिंग तक करनी पड़ी। जिसमें एक युवक की मौत हुई। यूपी के प्रयागराज और अन्य जगहों पर भी नारेबाजी और हंगामा किया गया। अब सवाल ये है कि शफीकुर्रहमान बर्क ऐसी घटनाएं करने वालों के साथ खड़े हैं और इस पर आखिर समाजवादी पार्टी की ओर से कोई बयान क्यों नहीं आ रहा है?