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हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से पूर्व अध्यक्ष सैयद अली शाह गिलानी ने खुद को किया अलग, सभी सदस्यों को लिखा पत्र

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के सदस्यों को लिखे पत्र में गिलानी ने कहा है कि इसके बाद वह मंच के घटक सदस्यों के भविष्य के आचरण के बारे में किसी भी तरह से जवाबदेह नहीं होंगे।

Chairman of the All Parties Hurriyat Conference (APHC), Syed Ali Shah Geelani speaks during a press conference in Srinagar on June 23, 2011. Geelani said that lasting peace will not return to South Asia and India-Pakistan relations will continue to be fragile unless the Kashmir issue is addressed. The Kashmir valley has witnessed large scale disturbances for three consecutive summers since 2008 which claimed dozens of lives, caused huge damage to properties and drove tourists from the scenic region. AFP PHOTO/Tauseef MUSTAFA (Photo credit should read TAUSEEF MUSTAFA/AFP/Getty Images)

श्रीनगर। वरिष्ठ अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने सोमवार को ऐलान किया कि वह अलगाववादी मंच ‘ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस’ से अलग हो रहे हैं। प्रेस को एक बयान में गिलानी ने कहा कि वह ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से खुद को पूरी तरह से दूर कर रहे हैं।

बयान में कहा गया, “उन्होंने हुर्रियत सदस्यों को एक विस्तृत पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के भीतर वर्तमान हालात को देखते हुए, वह उससे खुद को पूरी तरह से अलग कर रहे है।”

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के सदस्यों को लिखे पत्र में गिलानी ने कहा है कि इसके बाद वह मंच के घटक सदस्यों के भविष्य के आचरण के बारे में किसी भी तरह से जवाबदेह नहीं होंगे।

हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का गठन 9 मार्च, 1993 को कश्मीर में अलगाववादी दलों के एकजुट राजनीतिक मंच के रूप में किया गया था।