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Maharashtra: ‘अपनी उम्र बताकर शरद पवार…’, महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान पर फडणवीस का बड़ा बयान, जानें क्या कहा?

अजित पवार ने खुद एनसीपी की प्रमुख घोषित कर दिया था, जिसके बाद शरद पवार ने उक्त बयान जारी किया है। बता दें कि बीते रविवार को अजित पवार अपने आठ विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संग्राम के बीच पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी चीफ शरद पवार को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पवार अपनी बढ़ती उम्र का हवाला देकर इस मुश्किल घड़ी में अपने लिए सहानुभूति बटोरना चाहते हैं। हालांकि, मैं उन्हें 100 साल तक राजनीति में सक्रिय देखना चाहता हूं। इसके साथ ही फडणवीस ने महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक ड्रामे का जिम्मेदार शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को ठहराया। उन्होंने कहा कि 2019 के चुनाव में उद्धव ने वैसे तो चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर लड़ा था, लेकिन जब सरकार बनाने की बारी आई, तो राकांपा से हाथ मिला लिया। जरा सोचिए…उन्होंने राकांपा से हाथ ना मिलाया होता, तो आज महाराष्ट्र की राजनीति में ऐसी नौबत ही नहीं आती।

Devendra Fadnavis

बता दें कि बीते दिनों प्रेसवार्ता में अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने बीजेपी की मौजूदा सियासी परिपाटी का हवाला देते हुए कहा था कि वहां (बीजेपी) 75 साल के बाद नेता सेवानिवृत हो जाते हैं और इसके बाद वो बाहर से ही पार्टी को आशीर्वाद देते हैं, लेकिन आप ( शरद पवार) अब तक राजनीति में बने हुए हैं। आपको नए लोगों को मौका देना चाहिए और खुद राजनीति से निष्क्रिय हो जाना चाहिए। वहीं, अजित पवार के इस बयान पर शरद पवार ने बीते गुरुवार को मीडिया को संबोधित करने के क्रम में स्पष्ट कर दिया था कि चाहे में 83 साल का हो जाऊं या 93 साल का। मैं ही एनसीपी का चीफ बना रहूंगा।

दरअसल, अजित पवार ने खुद को एनसीपी का प्रमुख घोषित कर दिया था, जिसके बाद शरद पवार ने उक्त बयान जारी किया। बता दें कि बीते रविवार को अजित पवार अपने आठ विधायकों के साथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। सभी ने मंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद एनसीपी में बवाल मच गया। अब आलम यह है कि एनसीपी अपने वजूद की जंग से जूझ रही है। जूनियर पवार ने दावा किया है कि उन्हें 40 से भी अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त है। अगर उनका यह दावा हकीकत में तब्दील हुआ, तो यकीनन यह एनसीपी के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति होगी। हालांकि, महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संग्राम के बीच बैठकों का सिलसिला जारी है।