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Maharashtra: ‘शिवसेना को खत्म करना चाहते थे शरद पवार’, उद्धव से बगावत करने वाले वरिष्ठ नेता रामदास कदम का आरोप

रामदास कदम ने कहा कि अगर एकनाथ शिंदे ने उद्धव से अलग होने का फैसला नहीं किया होता, तो अगले विधानसभा चुनाव में शिवसेना के 10 विधायक भी चुनकर नहीं आते। उन्होंने कहा कि मैं एकनाथ का साथ देने वाले सभी विधायकों को धन्यवाद देता हूं। कदम ने कहा कि मैंने शिवसेना में जिंदगी के 52 साल गुजार दिए और फिर भी मुझे निकाल दिया गया।

मुंबई। शिवसेना में हुई बगावत पर अब बागी गुट में शामिल वरिष्ठ नेता और विधायक रामदास कदम ने अपनी जुबान खोली है। रामदास कदम ने मंगलवार को कहा कि एनसीपी चीफ शरद पवार लगातार कोशिश करते रहे कि वो शिवसेना को खत्म कर दें, लेकिन बालासाहेब के जीवित रहते वो नाकाम रहे। इस बार उनको मौका मिला था क्योंकि सीएम बनने के बाद उद्धव ठाकरे कोरोना और फिर खुद की बीमारी की वजह से 6 महीने तक न घर से बाहर जा सके और न किसी से मिल सके। कदम के मुताबिक इससे पवार को मौका मिला, उन्होंने पार्टी को नष्ट करने की फिर कोशिश की।

रामदास कदम ने कहा कि शिवसेना का सीएम होने के बाद भी पार्टी के विधायकों को अपने चुनाव क्षेत्र में विकास के लिए धन नहीं दिया जा रहा था। एनसीपी ही सारे बजट का इस्तेमाल कर रही थी। हमारे इलाकों में शिवसेना इस वजह से कमजोर हो रही थी। मैंने इस बारे में उद्धव ठाकरे से कहा भी, लेकिन उन्होंने भी कोई कदम नहीं उठाया। बागी विधायक ने कहा कि हम में से किसी को भी ऐसी हालत गवारा नहीं थी। साथ ही शिवसेना प्रमुख के बेटे एनसीपी और कांग्रेस के मंत्रियों के साथ उठते बैठते थे, ये भी हम नहीं चाहते थे।

uddhav and aditya thakrey

रामदास कदम ने कहा कि अगर एकनाथ शिंदे ने उद्धव से अलग होने का फैसला नहीं किया होता, तो अगले विधानसभा चुनाव में शिवसेना के 10 विधायक भी चुनकर नहीं आते। उन्होंने कहा कि मैं एकनाथ का साथ देने वाले सभी विधायकों को धन्यवाद देता हूं। कदम ने कहा कि मैंने शिवसेना में जिंदगी के 52 साल गुजार दिए और फिर भी मुझे निकाल दिया गया। मैं अब एकनाथ शिंदे के साथ हूं। बता दें कि एकनाथ शिंदे ने सबसे पहले उद्धव से बगावत की थी। जिसके बाद बीजेपी की मदद से वो 38 विधायकों का साथ लेकर महाराष्ट्र के सीएम बन गए।