मुंबई। शिवसेना में हुई बगावत पर अब बागी गुट में शामिल वरिष्ठ नेता और विधायक रामदास कदम ने अपनी जुबान खोली है। रामदास कदम ने मंगलवार को कहा कि एनसीपी चीफ शरद पवार लगातार कोशिश करते रहे कि वो शिवसेना को खत्म कर दें, लेकिन बालासाहेब के जीवित रहते वो नाकाम रहे। इस बार उनको मौका मिला था क्योंकि सीएम बनने के बाद उद्धव ठाकरे कोरोना और फिर खुद की बीमारी की वजह से 6 महीने तक न घर से बाहर जा सके और न किसी से मिल सके। कदम के मुताबिक इससे पवार को मौका मिला, उन्होंने पार्टी को नष्ट करने की फिर कोशिश की।
Mumbai| It was Sharad Pawar (NCP Chief) who broke the party (Shiv Sena). He was trying to end it since Balasaheb was there but never found a chance. Now he made Uddhav CM. Uddhav didn’t go out during covid & then was ill for 6 months.He made use of it: Shiv Sena MLA Ramdas Kadam pic.twitter.com/VwZKXSiIVw
— ANI (@ANI) July 19, 2022
रामदास कदम ने कहा कि शिवसेना का सीएम होने के बाद भी पार्टी के विधायकों को अपने चुनाव क्षेत्र में विकास के लिए धन नहीं दिया जा रहा था। एनसीपी ही सारे बजट का इस्तेमाल कर रही थी। हमारे इलाकों में शिवसेना इस वजह से कमजोर हो रही थी। मैंने इस बारे में उद्धव ठाकरे से कहा भी, लेकिन उन्होंने भी कोई कदम नहीं उठाया। बागी विधायक ने कहा कि हम में से किसी को भी ऐसी हालत गवारा नहीं थी। साथ ही शिवसेना प्रमुख के बेटे एनसीपी और कांग्रेस के मंत्रियों के साथ उठते बैठते थे, ये भी हम नहीं चाहते थे।
रामदास कदम ने कहा कि अगर एकनाथ शिंदे ने उद्धव से अलग होने का फैसला नहीं किया होता, तो अगले विधानसभा चुनाव में शिवसेना के 10 विधायक भी चुनकर नहीं आते। उन्होंने कहा कि मैं एकनाथ का साथ देने वाले सभी विधायकों को धन्यवाद देता हूं। कदम ने कहा कि मैंने शिवसेना में जिंदगी के 52 साल गुजार दिए और फिर भी मुझे निकाल दिया गया। मैं अब एकनाथ शिंदे के साथ हूं। बता दें कि एकनाथ शिंदे ने सबसे पहले उद्धव से बगावत की थी। जिसके बाद बीजेपी की मदद से वो 38 विधायकों का साथ लेकर महाराष्ट्र के सीएम बन गए।