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Vijaya Dashami Of RSS: ‘देश में कुछ लोग ऐसे, जो नहीं चाहते भारत खड़ा हो’, विजय दशमी पर बोले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, शंकर महादेवन थे मुख्य अतिथि

इस मौके पर मुख्य अतिथि शंकर महादेवन ने आरएसएस की जमकर तारीफ की। शंकर महादेवन ने कहा कि देश की संस्कृति को आरएसएस ने बड़ा योगदान कर बचा रखा है। शंकर महादेवन ने बताया कि जब भी वो किसी कार्यक्रम में परफॉर्म करते हैं, तो इसका ध्यान जरूर रखते हैं कि नए बच्चों को संस्कृति के बारे में बताएं।

नागपुर। हर साल की तरह इस साल भी नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस के मुख्यालय में विजयदशमी का कार्यक्रम हुआ। इस दौरान मशहूर गायक शंकर महादेवन मुख्य अतिथि रहे। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने विजयदशमी पर शस्त्र पूजन किया। इसके बाद उन्होंने आरएसएस मुख्यालय पर मौजूद गणमान्य अतिथियों और संघ के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को संबोधित किया। अपने संबोधन में मोहन भागवत ने कहा कि सदियों की परेशानी अब दूर हुई है। भारत दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने संबोधन में कहा कि ये खुशनसीबी है कि भारत का अमृतकाल देखने को मिला। उन्होंने सभी से मिलजुलकर रहने को कहा। साथ ही अयोध्या में भगवान राम के बन रहे मंदिर का उल्लेख किया और कहा कि राम तो सभी को अपने में आत्मसात करते हैं। मोहन भागवत ने कहा कि कट्टरपंथ से उन्माद पैदा होता है। भागवत ने कहा कि भारत में कुछ लोग ऐसे हैं, जो देश को खड़ा होते देखना नहीं चाहते। उन्होंने तकनीकी, कृषि और अन्य क्षेत्रों में भारत के विकास की बात कही और देश के सुनहरे भविष्य की आशा जताई।

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इस मौके पर मुख्य अतिथि शंकर महादेवन ने आरएसएस की जमकर तारीफ की। शंकर महादेवन ने कहा कि देश की संस्कृति को आरएसएस ने बड़ा योगदान कर बचा रखा है। शंकर महादेवन ने बताया कि जब भी वो किसी कार्यक्रम में परफॉर्म करते हैं, तो इसका ध्यान जरूर रखते हैं कि नए बच्चों को भारत की संस्कृति और उनकी जड़ों के बारे में बताएं। शंकर महादेवन ने शिव तांडव स्त्रोत्र का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि इस मंत्र को जो भी सुनता है, वो इसे महसूस करता है। शंकर महादेवन ने कहा कि जब वो गानों की धुन बनाते हैं, तो सोचते हैं कि आगे की पीढ़ी को शास्त्रीय संगीत का नजारा दिखाना चाहिए। आरएसएस का ये विजयदशमी कार्यक्रम काफी अहम होता है। इसकी वजह ये है कि साल 1925 को दशहरे के दिन ही आरएसएस की स्थापना की गई थी। केशव बलिराम हेडगेवार ने आरएसएस की स्थापना हिंदू धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए की थी। आरएसएस पर कई बार तमाम आरोप लगे, लेकिन हर बार संगठन पाक-साफ होकर निकला।

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आज नागपुर में विजयदशमी कार्यक्रम से पहले आरएसएस के स्वयंसेवकों ने पथ संचलन भी किया। नागपुर के रेशम बाग मैदान से संघ कार्यकर्ताओं की दो पथ संचलन टुकड़ियां निकलीं। इन पथ संचलन को संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शंकर महादेवन के साथ अशोक चौक से देखा। इस दौरान उनके साथ आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले और संघ के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे। दोनों पथ संचलन में आरएसएस के 200 कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।