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कोरोना लॉकडाउन के बीच सोनिया ने फिर पीएम को लिखी चिट्ठी, दिए ये पांच सुझाव

सोनिया गांधी ने कहा कि देश की जीडीपी में MSME सेक्टर का योगदान एक तिहाई से ज्यादा है और निर्यात में आधा से ज्यादा हिस्सेदारी है। इस सेक्टर में देश के कुल 11 करोड़ लोग काम करते हैं, जिनकी नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार से जरूरी मदद नहीं मिलती है तो 6.3 करोड़ MSME बर्बाद होने की कगार पर है।

नई दिल्ली। कोरोना लॉकडाउन के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने लॉकडाउन के बाद देश की अर्थव्यवस्था में आई गिरावट को लेकर चिंता जाहिर की है। साथ ही सोनिया गांधी ने MSMEs की चिंताओं को दोहराया और निवारण के लिए पांच सुझाव भी दिए है।

सोनिया गांधी ने कहा कि देश की जीडीपी में MSME सेक्टर का योगदान एक तिहाई से ज्यादा है और निर्यात में आधा से ज्यादा हिस्सेदारी है। इस सेक्टर में देश के कुल 11 करोड़ लोग काम करते हैं, जिनकी नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार से जरूरी मदद नहीं मिलती है तो 6.3 करोड़ MSME बर्बाद होने की कगार पर है। सोनिया गांधी ने लॉकडाउन के कारण हो रहे नुकसान को लेकर कहा कि हर दिन इस सेक्टर को 30 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है। MSME के पास सेल्स ऑर्डर नहीं रह गए हैं। रेवेन्यू घटकर शून्य पर पहुंच गया है जिसके कारण 11 करोड़ रोजगार पर खतरा है।

Sonia Letter

Sonia Letter

 

सोनिया गांधी ने MSMEs को बचाने के लिए दिए ये पांच सुझाव-

1-सोनिया गांधी ने सुझाव दिया कि सरकार को MSME सेक्टर के लिए 1 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान करना चाहिए। ऐसा करने से न सिर्फ लोगों की नौकरियां बचेंगी बल्कि इस सेक्टर का मनोबल भी बरकरार रहेगा।

2- सोनिया गांधी ने दूसरा सुझाव दिया कि MSME  सेक्टर के लिए 1 लाख करोड़ के क्रेडिट गारंटी फंड का निर्माण किया जाना चाहिए। ऐसा करने से सेक्टर में लिक्विडिटी के साथ सेक्टर के पास पर्याप्त पूंजी पहुंच जाएगी। जिसका इस्तेमाल MSME सेक्टर उस वक्त कर सकेगा जब उसे इसकी सबसे ज्यादा जरूरत होगी।

3- MSME सेक्टर के मार्गदर्शन के लिए 24 घंटे काम करने वाली हेल्पलाइन बनाना चाहिए।

4-आरबीआई MSME के लोन में रिलैक्शन दें।

5-पांचवे सुझाव में इस सेक्टर के लिए मिलने वाले पैसे के लिए सक्रूटनी आसान करने का है। सोनिया गांधी ने कहा है कि एमएसएमई हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। ऐसे में इसे बचाना बहुत जरूरी है।