नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को दोषी करार दिया गया है। उन्हें तीन धाराओं में दोषी करार दिया गया है। ध्यान रहे कि 2019 के भड़काऊ भाषण मामले में उन्हें दोषी करार दिया गया है। अब दोपहर 3 बजे कोर्ट आजम खान के खिलाफ सजा सुनाएगी। अब ऐसी स्थिति में उनको क्या सजा सुनाई जाती है? इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। हालांकि, विधिक विशेषज्ञों की मानें तो उन्हें तीन साल की सजा और जुर्माना देना पड़ सकता है। इतना ही नहीं, अगर उन्हें तीन सालों तक की सजा होती है, तो वो विधायकी के चुनाव लड़ने से हमेशा के लिए महरूम हो जाएंगे और उनकी वर्तमान सदस्यता भी छीन ली जाएगी। वहीं, आजम के आलोचकों का कहना है कि सपा नेता लंबे समय तक अवैध गतिविधियों में संलिप्त रहे हैं और कानून को भी अपने हाथों में लेने से गुरेज नहीं करते रहे हैं।
Samajwadi Party’s senior leader Azam Khan convicted by Rampur court in a hate speech case. Quantum of sentence to be pronounced at 3 pm today.
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— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 27, 2022
बता दें कि रामपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने आजम खान के खिलाफ यह फैसला सुनाया है। ध्यान रहे कि आजम खान पर पीएम मोदी सहित सीएम योगी के बारे में अपशब्द कहने के आरोप लगे थे। जिस पर बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई थी, जिस पर आज कोर्ट का फैसला आया है, जिसमें सपा नेता को दोषी सिद्ध कर दिया गया है। अब आगामी 3 बजे कोर्ट का क्या फैसला रहता है। यह देखने वाली बात होगी। कानून के जानकारों के मुताबिक, अगर उन्हें तीन वर्ष की सजा होती है, तो उनकी विधायकी निरस्त हो सकती है, जिसका खामियाजा आगामी नगर निकाय चुनाव में समाजवादी पार्टी को भुगतना पड़ सकता है। ध्यान रहे कि आजम खान समाजवादी पार्टी के फाउंडर नेताओं में से एक रहे हैं और पार्टी के बड़े मुस्लिम नेताओं में से एक हैं। विदित हो कि समाजवादी पार्टी आजम खान के सहारे अब तक के कई चुनावोंं में मुस्लिम मतदाताओं को रिझाने की कोशिश कर चुकी है, जिसमें उन्हें बंपर कामयाबी भी मिली है। लेकिन, अगर इस बार कोर्ट आजम खान को सलाखों के पीछे भेजने का फैसला सुनाती है, तो यकीन मानिए यह स्थिति समाजवादी पार्टी के लिए बेहद दुरूह रहेगी।
ध्यान रहे कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान आजम खान सपा प्रमुख अखिलेश यादव से खासे नाराज थे। आजम अपनी नाराजगी की नुमाइश कई सियासी जलसों में भी कर चुके थे। यही नहीं, इस मौके का फायदा उठाते हुए असदुद्दीन ओवैसी भी उनसे मुखातिब होने पहुंचे थे, ताकि उन्हें अपने पाले में कर सकें, लेकिन अफसोस उन्हें इसमें कोई कामयाबी नहीं मिल पाई और आजम सपा में ही बने रहे। बता दें कि आजम खान कई मामलों में दोषी पाए जाने के बाद सलाखों में थे, लेकिन अखिलेश यादव उनकी सुध लेने नहीं गए थे, जिसका शिवका उनके दिल में था, लेकिन बाद में जैसे ही अखिलेश यादव को खबर लगी कि आजम उनसे खफा हैं, तो वो उन्हें मनाने पहुंच गए, लेकिन अब एक बार फिर से आजम के दर पर मुश्किलों ने अपनी आमद दर्ज कराई है। ऐसे में इस पूरे मसले पर कोर्ट का क्या फैसला रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।