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Assam: यूथ कांग्रेस नेता बना उग्रवादी, सोशल मीडिया के जरिए दी जानकारी, पार्टी में मचा हड़कंप

इस बात की जानकारी जनार्दन गोगोई ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी है। वहीं जनार्दन गोगोई के प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन ULFA के साथ जुड़ने पर कांग्रेस पार्टी में हडकंप मच गया है। बता दें कि हाल में ऐसी खबरें भी सामने आई थी कि बड़ी संख्या में युवा घर छोड़कर उग्रवादी संगठन से जुड़ रहे हैं।

नई दिल्ली। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस बुरे दौर से गुजर रही है। एक वक्त जब पार्टी का पूरे देश में वर्चस्व हुआ करता था। आज पार्टी की हालत इतनी दयनीय हो गई है कि सिर्फ 2 राज्यों में ही सिमट कर रह गई है। राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ही कांग्रेस की सरकार बची हुई है। लेकिन दोनों ही राज्यों में भी कई बार अंदरूनी कलह की खबरें भी लगातार सामने आ रही है। इसके अलावा कांग्रेस के कई दिग्गज नेता पार्टी का साथ छोड़कर दूसरी पार्टी का दामन थाम रहे हैं। पार्टी को दुरूस्त करने की दिशा में आलाकमान की तरफ से किए गए तमाम प्रयास सफल होने से पहले ही दम तोड़ दे रहे हैं। पार्टी का असंतुष्ट खेमा लगातार आलाकमान को पार्टी की दुर्दशा का हलावा देकर नेतृत्व परिवर्तन की मांग भी कर रहा है, लेकिन इस पर किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया जा रहा है। हालांकि, अब कांग्रेस ने अपनी स्थिति को दुरूस्त करने हेतु प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल कराने की पूरी रूपरेखा तैयार करने का मन बना लिया है। अब ऐसे में प्रशांत किशोर की एंट्री के बाद पार्टी की स्थिति में कोई सुधार देखने को मिलता है की नहीं। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।

ULFA

वहीं, अब खबर है कि पार्टी की खराब दुर्दशा को लेकर असम में एक युवा कांग्रेस नेता ने राजनीति छोड़ उग्रवादी बनने का निर्णय कर लिया है। खबरों के अनुसार, तिनसुकिया जिले के यूथ कांग्रेस उपाध्यक्ष जनार्दन गोगोई प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (स्वतंत्र) में शामिल हो गए हैं। इस बात की जानकारी जनार्दन गोगोई ने सोशल मीडिया के माध्यम से दी है। वहीं जनार्दन गोगोई के प्रतिबंधित अलगाववादी संगठन ULFA के साथ जुड़ने पर कांग्रेस पार्टी में हडकंप मच गया है। बता दें कि हाल में ऐसी खबरें भी सामने आई थी कि बड़ी संख्या में युवा घर छोड़कर उग्रवादी संगठन से जुड़ रहे हैं। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, जनार्दन गोगोई ने अपनी पत्नी के नाम लिखी एक फेसबुक पोस्ट लिखा, जिसमें उन्होंंने कहा कि, ‘अपने खुद के लोगों को बर्बाद होता नहीं देख सकता हूं, चूंकि वे खुद के प्रदेश में ही लाचार हैं… हमारी संस्कृति, भाषा और पहचान का चरणबद्ध तरीके से विनाश किया जा रहा है।

What is ULFA? Know Important Details United Liberation Front of Assam -  उल्फा क्या है? असम में खूनी खेल के पीछे यूनाइटेड लिब्रेशन फ्रंट ऑफ असम,  जानें इतिहास - Navbharat Times

बहरहाल, उक्त प्रकरण से यह साफ जाहिर होता है कि अपनी दयनीय दशा के बावजूद भी पार्टी अपने लिए हितकर कदम उठाने के प्रति गंभीर नहीं है। न ही पार्टी अपने हितधारकों के संदर्भित विषयों को लेकर संवेदनशील है, इसलिए इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। अब ऐसी स्थिति में आगे चलकर इन सभी विषयों पर  पार्टी का क्या रुख रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।