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मंदिर आंदोलन से जुड़े लोगों की याद में बनेगा अयोध्या में खास स्मारक, होगी सिख गुरुओं से कारसेवकों तक की झलक

माना जा रहा है कि इन सब का ध्यान रखते हुए ही अब विशेष स्मारक स्थल बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इस स्मारक स्थल में गुरू नानक देव(Guru Nanak Dev), गुरू तेग बहादुर, गुरू गोविंद सिंह, वीएचपी के अंततराष्ट्रीय संरक्षक रहे अशोक सिंघल(Ashok Singhal), गोरक्षपीठ के पूर्व पीठाधीश्वर महंत दिग्विजय नाथ, महंत अवैद्यनाथ समेत तमाम महापुरुषों की प्रतिमाएं और तस्वीरें लगाई जा सकती हैं।

नई दिल्ली। अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने की शुरुआत हो चुकी है, इसके लिए निर्माण कार्य प्रारंभ हो गया है। मंदिर निर्माण के साथ-साथ अयोध्या में एक खास स्मारक बनाने की भी योजना है। बता दें कि धर्मनगरी अयोध्या के वैभव को पुन: सारी दुनिया में प्रशस्त करने के लिए तमाम और चीजों का निर्माण हो रहा है। इनमें अयोध्या में रामायण म्यूजियम से लेकर राम मंदिर के पास बन रहा एक खास स्मारक तक शामिल है, जिसकी योजनाएं मूर्त रूप लेने को तैयार हैं।

ram mandir FI

खबरों की मानें तो मंदिर ट्रस्ट और प्रशासन राम मंदिर के पास एक विशेष स्मारक बनाने का प्लान बना रहा है, जिसमें गुरू नानक देव के कालखंड से लेकर राम जन्मभूमि आंदोलन तक के तमाम शीर्ष लोगों के जीवन और अयोध्या से उनके जुड़ाव को याद किया जाएगा। हालांकि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से इसे लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक, अयोध्या के राम मंदिर के पास बनने वाले इस स्मारक में अयोध्या के ऐतिहासिक महत्व के साथ-साथ उन तमाम विशिष्टतम लोगों की प्रतिमा और चित्र लगेंगे जो कि किसी ना किसी कालखंड में अयोध्या से विशेष रूप से जुड़े रहे हैं। इसके अलावा मंदिर आंदोलन की पूरी कहानी और इसमें शामिल लोगों के जीवन वृत्त को भी इस स्मारक में प्रदर्शित किया जाएगा। उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि स्मारक को एक विशाल परिसर के रूप में स्थापित किया जाएगा। इस स्मारक के जरिए दुनिया भर से अयोध्या आने वाले लोग उन लोगों को जान सकेंगे जो 400 वर्ष तक जन्मभूमि के लिए चले संघर्ष के सहभागी रहे हैं।

Ram Mandir

बता दें कि हाल ही में राज्य अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य परविंदर सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर सिख गुरुओं की स्मृति में अयोध्या में एक स्मारक बनवाने का अनुरोध किया था। परविंदर ने इस पत्र में कहा था कि सिखों के प्रथम गुरू गुरू नानक देव, गुरू तेग बहादुर, गुरू गोविंद सिंह महाराज का अयोध्या से बहुत लगाव था। गुरू नानक देव ने 1672 में अयोध्या की राम जन्मभूमि को मुगलों से मुक्त कराने के लिए हां निहंग सिखों का एक जत्था भी भेजा था। ऐसे में सिखों के राम जन्मभूमि से जुड़ाव को देखते हुए यहां पर एक स्मारक का निर्माण होना चाहिए।

इसके अलावा मंदिर निर्माण का काम शुरू होने से पहले ही हिंदू धर्म से जुड़े लोगों ने भी यह मांग की थी कि अयोध्या में राम जन्मभूमि को जिन लोगों के योगदान से मुक्त कराया जा सका है, उन सभी की स्मृतियों को संजोने के लिए यहां कुछ किया जाए। हिंदू संगठनों ने अयोध्या में कारसेवकों और मंदिर आंदोलन में जान गंवाने वाले लोगों के लिए स्मारक बनाने की मांग की थी।

Ram-Mandir-Ayodhya

माना जा रहा है कि इन सब का ध्यान रखते हुए ही अब विशेष स्मारक स्थल बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इस स्मारक स्थल में गुरू नानक देव, गुरू तेग बहादुर, गुरू गोविंद सिंह, वीएचपी के अंततराष्ट्रीय संरक्षक रहे अशोक सिंघल, गोरक्षपीठ के पूर्व पीठाधीश्वर महंत दिग्विजय नाथ, महंत अवैद्यनाथ समेत तमाम महापुरुषों की प्रतिमाएं और तस्वीरें लगाई जा सकती हैं। इसके अलावा इसमें मंदिर आंदोलन की पुरानी तस्वीरों और कारसेवा के समय की घटनाओं की एक टाइमलाइन भी बनाई जा सकती है।