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चुनाव से पहले इन खास तबके के लोगों को सीएम योगी का कड़ा पैगाम, ‘ये चुनाव 80 बनाम 20 फीसद लोगों के बीच का है’

statement of CM yogi: मेरे पास 80 फीसद लोगों का समर्थन प्राप्त है। मैंने हमेशा अपने प्रदेश के सर्वांगीन विकास के लिए काम किया। उन्होंने बिना किसी लागलपेट के यह कहने से कोई गुरेज नहीं किया कि गलतफहमी का शिकार हुए लोग बेवजह अपना आंकड़ा थोप रहे हैं।

नई दिल्ली। शायद इसे चुनावी मौसम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा दिया गया अब तक का सबसे धमाकेदार बयान कहना गलत नहीं होगा, क्योंकि  उन्होंने अपने इस बयान के सहारे अपनी मौजूदा चुनौतियां सहित अपने सियासी अवसरों के बारे में खुलकर बयां कर दिया। उन्होंने साफ कह दिया है कि यह चुनाव 80 बनाम 20 फीसद लोगों के बीच का होगा। सीएम योगी ने यह भी कहने से कोई गुरेज नहीं किया कि हिंदू विरोधी लोग मुझे पसंद नहीं करते हैं। अगर मैं अपना गर्दन काटकर भी इन लोगों की सेवा में रूख दूंगा। तब भी ये लोग मुझे पसंद नहीं करेंगे। लेकिन मुझे इन लोगों की कोई परवाह नहीं है।

मेरे पास 80 फीसद लोगों का समर्थन प्राप्त है। मैंने हमेशा अपने प्रदेश के सर्वांगीन विकास के लिए काम किया। उन्होंने बिना किसी लागलपेट के यह कहने से कोई गुरेज नहीं किया कि गलतफहमी का शिकार हुए लोग बेवजह अपना आंकड़ा थोप रहे हैं। लेकिन मैं साफ किए देता हूं कि उनका प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव कुछ भी नहीं होगा। यह चुनावी लड़ाई महज 80 बनाम 20 फीसद लोगों के बीच की है। सीएम योगी ने 20 फीसद लोगों का समर्थन प्राप्त न होने पर कहा कि मुझे इस बात का कोई अफसोस नहीं है कि मुझे इन लोगों का समर्थऩ प्राप्त नहीं है। मैं हमेशा अपने प्रदेशवासियों के लिए काम करता आया हूं और जनता का आशीर्वाद रहा, तो मैं आगे भी करता रहूंगा। बता दें कि इससे पहले भी  चुनावी मौसम में सीएम योगी द्वारा कई मसलों पर बयान दिया गया है, लेकिन उनका उक्त बयान अब तक का सबसे धमाकेदार बयान माना जा रहा है।

UP CM YOGI

अभी तक किसी भी विरोधी दल के सियासी नुमाइंदे की तरफ से अभी तक कोई भी बयान सामने नहीं है। गौरतलब है कि विगत शनिवार को चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान कर दिए हैं। सात चरणों में प्रदेश के विधानसभा चुनाव कराए जाने की रूपरेखा तय की गई है। आगामी 10 फरवरी से यूपी में चुनाव होने जा रहे हैं। सभी राजनीतिक दल प्रदेश में जीत दर्ज कराने की जद्दोजहद में मसरूफ हैं। अब ऐसे में देखना होगा कि आगामी चुनाव में किस दल की कोशिश कितनी कामयाब हो पाती है।