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Bihar: ‘पीएम-सीएम बनने लायक नहीं रखेंगे’, आंदोलनकारी एसटीईटी अभ्यर्थियों की नीतीश और तेजस्वी को चेतावनी

डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने 10 लाख युवाओं को नौकरी देने का एलान किया था। अब नई शिक्षक नियमावली लाई गई है। इससे एसटीईटी पास युवाओं को लग रहा है कि मेरिट हासिल करने के बाद भी उनको अब नौकरी के लिए फिर जद्दोजहद करनी होगी। नतीजे में सभी आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन अब गंभीर मोड़ लेता दिख रहा है।

पटना। बिहार में नई शिक्षक नियमावली के खिलाफ स्टेट टीईटी (एसटीईटी) पास करने वाले अभ्यर्थी सड़कों पर उतर रहे हैं। तमाम एसटीईटी पास अभ्यर्थियों ने शुक्रवार को पटना में जमकर प्रदर्शन किया। उन्होंने नई शिक्षक नियमावली वापस लेने की मांग की। इस नियमावली को लागू करने की जानकारी बीते दिनों नीतीश कुमार की सरकार में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने दी थी। नियमावली के तहत शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाना है। इससे भर्ती प्रक्रिया भी बदल जाएगी। ऐसे में एसटीईटी पास अभ्यर्थी नाराज हैं। क्योंकि अब तक एसटीईटी में मेरिट लिस्ट के तहत ही सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती होती आई है।

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एसटीईटी अभ्यर्थी नई शिक्षक नियमावली से इतने खफा हैं कि उन्होंने बिहार के सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के पुतले फूंके और फिर दोनों को चेतावनी भी दे दी। अभ्यर्थियों ने कहा कि नीतीश कुमार पीएम बनने का सपना देख रहे हैं, लेकिन उनको पीएम बनने लायक नहीं रखा जाएगा। वहीं, तेजस्वी यादव के लिए एसटीईटी अभ्यर्थियों का कहना था कि अगर शिक्षक नियमावली को रद्द नहीं किया गया, तो वे देखेंगे कि तेजस्वी यादव सीएम न बन सकें। एसटीईटी अभ्यर्थियों ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव का पुतला भी फूंका। सुनिए, उन्होंने किस तरह नीतीश और तेजस्वी को चेतावनी दी।

बिहार में नीतीश कुमार ने बीजेपी से दामन छुड़ाकर आरजेडी और कांग्रेस के महागठबंधन में फिर जाने का फैसला किया था। इसके बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने 10 लाख युवाओं को नौकरी देने का एलान किया था। अब नई शिक्षक नियमावली लाई गई है। इससे एसटीईटी पास युवाओं को लग रहा है कि मेरिट हासिल करने के बाद भी उनको अब नौकरी के लिए फिर जद्दोजहद करनी होगी। नतीजे में सभी आंदोलन कर रहे हैं। पहले भी बिहार में नौकरी की मांग करने वाले युवा कई बार आंदोलन कर चुके हैं। अब एसटीईटी अभ्यर्थियों का आंदोलन तेज होता दिख रहा है। ऐसे में अगले साल लोकसभा चुनाव के वक्त महागठबंधन की पार्टियों के लिए भड़के हुए युवा मुश्किल खड़ी कर सकते हैं।