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Uttar Pradesh: इंसेफेलाइटिस नियंत्रण के सफल मॉडल से होगा कोविड के थर्ड वेव का मुकाबला: सीएम योगी

Uttar Pradesh: मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि थर्ड वेव की आशंका के मद्देनजर हमारी तैयारियां अर्ली एंड अग्रेसिव अभियान के तहत चल रही हैं। सभी मेडिकल कॉलेजों में 100-100 बेड के पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) बनाए जा रहे हैं। साथ ही सभी जिला अस्पतालों में 25 से 30 बेड के पीकू क्रियाशील किए जा रहे हैं।

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना के थर्ड वेव से निपटने को प्रदेश में युद्धस्तरीय प्रयास किए जा रहे हैं। सेकेंड वेव को सफलतापूर्वक समाप्त करने में साथ ही हम संभावित थर्ड वेव को भी डटकर परास्त करेंगे। थर्ड वेव को थामने के लिए हमारा इंसेफेलाइटिस नियंत्रण का सफल मॉडल बहुत काम आएगा। मंगलवार को कोविड प्रबंधन के लिए तीन दिवसीय दौरे पर गोरखपुर पहुंचे सीएम योगी बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मंडलीय समीक्षा बैठक करने के बाद मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना के फर्स्ट वेव में ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट का जो मंत्र दिया था उस पर निरंतर चलते हुए हमने सेकेंड वेव को भी सफकतापूर्वक नियंत्रित किया है।

सीएम ने बताया कि यूपी में कोविड पॉजिटिविटी निरंतर कम हो रही है और रिकवरी रेट में लगातार वृद्धि हो रही है। आज प्रदेश में रिकवरी रेट 94 फीसद से अधिक है जबकि पॉजिटिविटी रेट औसतन 3 फीसद के आसपास है। टेस्ट के मामले में भी हम काफी आगे हैं। प्रतिदिन तीन लाख से सवा तीन लाख टेस्ट किए जा रहे हैं। प्रदेश में अब तक करीब पौने पांच करोड़ टेस्ट किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि गोरखपुर मण्डल में भी 93 प्रतिशत रिकवरी रेट काफी अच्छी है और पाजिटिविटी काफी कम हुई है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि थर्ड वेव की आशंका के मद्देनजर हमारी तैयारियां अर्ली एंड अग्रेसिव अभियान के तहत चल रही हैं। सभी मेडिकल कॉलेजों में 100-100 बेड के पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) बनाए जा रहे हैं। साथ ही सभी जिला अस्पतालों में 25 से 30 बेड के पीकू क्रियाशील किए जा रहे हैं। इंसेफेलाइटिस नियंत्रण में हमारे समन्वित परिणाम को सभी ने देखा है। इंसेफेलाइटिस नियंत्रण मॉडल को कोरोना के थर्ड वेव को काबू में करने के लिए भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके लिए मानव संसाधन की भर्ती और प्रशिक्षण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है। पीकू को लेकर की जा रही तैयारियों के साथ हमारे पास पहले से केंद्र सरकार के सहयोग से इंसेफेलाइटिस नियंत्रण के लिए हर जिले की दो-तीन सीएचसी में मिनी पीकू वार्ड उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि इलाज की व्यवस्था के साथ ही स्वच्छता, फॉगिंग, सैनिटाइजेशन, शुद्ध पेयजल, स्वच्छ भारत मिशन से खुले में शौच से मुक्ति के अभियान से इंसेफेलाइटिस में मृत्य दर न्यूनतम करने में मदद मिली, इसे इंसेफेलाइटिस नियंत्रण के साथ साथ कोविड नियंत्रण के लिए भी जारी रखा जाएगा। सभी के जीवन को बचाने के लिए प्रदेश सरकार प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड से बचाव में टीकाकरण बेहद अहम है। प्रदेश सरकार 1 जून से सभी जिलों में 18 से 44 वर्ष के लोगों को टीकाकरण की सुविधा देने जा रही है। साथ ही हर जिले में 12 वर्ष कब कम उम्र के बच्चों के अभिभावकों के लिए अभिभावक स्पेशल बूथ बनेंगे। प्रदेश सरकार उन बस्तियों को चिन्हित करा रही है जहां कोविड के थर्ड वेव के अटैक की अधिक आशंका है। इन बस्तियों में समय से पहले सुरक्षा कवच (वैक्सिनेशन) उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि इंसेफेलाइटिस के संबंध में टीकाकरण का अभियान सफल रहा है। 92 प्रतिशत से अधिक बच्चों को इंसेफेलाइटिस रोधी टीका लगाया जा चुका है।

सीएम योगी ने कहा कि कोरोना में सेकेंड वेव में कई अन्य चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा है। हम सफलता के साथ इन चुनौतियों को भी दूर कर रहे हैं। संक्रमण से उबरने के बाद भी कुछ लोगों को अन्य दिक्कतें आ रही हैं। इसे देखते हुए पोस्ट कोविड अस्पताल तेजी से क्रियाशील किए जा रहे हैं । कई जिलों में पोस्ट कोविड मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज शुरू हो गया है। अन्य जिलों में भी इस दिशा में तेजी से कार्यवाही जारी है। उन्होंने बताया कि सेकेंड वेव में ऑक्सीजन की अचानक बढ़ी मांग को देखते हुए वायुसेना के विमानों से ऑक्सीजन टैंकर मंगाने के साथ ही ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेनें भी चलाई गई।

मुख्यमंत्री ने बताया कि सेकेंड वेव में ऑक्सीजन की अचानक बढ़ी डिमांड को देखते हुए प्रदेश सरकार सभी जिलों में प्लांट की व्यवस्था कर इस मामले में उन्हें आत्मनिर्भर बना रही है। गोरखपुर मण्डल में 25 ऑक्सीजन प्लांट लगाने की कार्यवाही चल रही है। सभी प्लांट समय सीमा के भीतर शुरू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं।