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Uttar Pradesh: सीएम योगी के मिशन किसान कल्याण और मिशन शक्ति को आगे बढ़ाने में गन्ना भी बना मददगार

Uttar Pradesh: यूपी में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) की तरफ से प्रदेश की महिलाओं को सबलता प्रदान करने के लिए कई तरह की योजानाएं चलाई जा रही है। वहीं रकबा, उपज, पेराई चीनी परता, चीनी उत्पादन, मिलों के संचलन, एथनॉल और सेनेटाइजर उत्पादन में रिकॉर्ड बनाने के साथ गन्ना योगी सरकार के मिशन किसान कल्याण और मिशन शक्ति में भी मददगार बन रहा है।

लखनऊ। यूपी में योगी आदित्यनाथ की तरफ से प्रदेश की महिलाओं को सबलता प्रदान करने के लिए कई तरह की योजानाएं चलाई जा रही है। वहीं रकबा, उपज, पेराई चीनी परता, चीनी उत्पादन, मिलों के संचलन, एथनॉल और सेनेटाइजर उत्पादन में रिकॉर्ड बनाने के साथ गन्ना योगी सरकार के मिशन किसान कल्याण और मिशन शक्ति में भी मददगार बन रहा है।

Yogi Adityanath

इन अभियानों के क्रम में गन्ना विभाग ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए बड चिप विधा से गन्ने का पौध बनाने का प्रशिक्षण दे रहा है। अब तक करीब 36 जिलों में इस बाबत 812 महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है। इनमें 9117 महिला उद्यमियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। महिला समूहों द्वारा अब तक 3.51 करोड़ सीडलिंग की स्थापना की गई है। इनकी बिक्री से से इन समूहों को 10.53 करोड़ रुपए की आय होगी। अब तक 9.33 करोड़ की आय हो भी चुकी है।

Yogi Adityanath

मालूम हो कि योगी सरकार ने हाल में दो महत्वपूर्ण मिशनों की शुरुआत की है। शारदीय नवरात्रि से शुरू होकर चैत्र नवरात्रि तक चलने वाला मिशन शक्ति। इसमें महिलाओं के सम्मान और आत्मनिर्भरता पर जोर है। 6 जनवरी को सरकार ने इसी तरह खेतीबाड़ी के समग्र विकास, किसानों की आय बढ़ाकर उनको खुशहाल बनाने के लिए मिशन किसान कल्याण की शुरुआत की है। इसमें भी सरकार का स्पष्ट आदेश है कि मिशन शक्ति अभियान को मजबूती देने, खेतीबाड़ी में महिलाओं के श्रम को पहचान दिलाने के लिए महिला किसानों को खास महत्व दिया जाए। गन्ने की बडचिप विधा का भी यही मकसद है।

CM Yogi Adityanath

इस विधा से भी घर के लॉन या किचन गार्डेन में भी गन्ने की नर्सरी तैयार की जा सकेगी। वह भी कम बीज में। इस विधा तैयार पौधे का जमाव 95 फीसद से अधिक होता है। गेहूं, धान की कटाई के बाद सीधे खेत में पौधरोपण करने समय और लागत भी बचती है। उपज करीब सवाया हो जाती है। कोई पौध खराब हो तो उसकी जगह नई पौध भी लगाई जा सकती है।