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Punjab: चुनाव में हार से कांग्रेस में हाहाकार, सुनील जाखड़ बोले- ‘पार्टी पर बोझ हैं चरणजीत सिंह चन्नी’

Punjab: सुनील जाखड़ ने कहा, ‘कांग्रेस कार्यकर्ता किसी ऐसे नेता को चाहते हैं, जिस पर वो यकीन कर सकें। पंजाब की एक नेता ने कांग्रेस वर्किंग कमिटी में खुद को राष्ट्रीय धरोहर बताने का प्रयास किया। वो खुद को धरोहर बता सकते हैं, लेकिन कांग्रेस के लिए नहीं। अगले 5 साल पंजाब एवं कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण होंगे।’

नई दिल्ली। पंजाब में मुंह की खाने के बाद अब देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में आंतरिक कलह और सिर-फुटव्वल देखने को मिल रही है। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से ही कांग्रेस में लोग एक दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ने का कार्यक्रम चल रहा है। बीते दिन रविवार को कांग्रेस वर्किंग कमिटी की मीटिंग में चरणजीत सिंह चन्नी को एसेट बताते हुए हार का ठीकरा नवजोत सिंह सिद्धू एवं अन्य नेताओं पर फोड़ा गया। जिसपर अब पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पार्टी की नेता अंबिका सोनी पर इशारों ही इशारों में हमला बोला है। चन्नी को एसेट बताने वाले बयान से जुड़ी खबर को शेयर करते हुए सुनील जाखड़ ने ट्वीट किया, ‘एक एसेट- क्या आप मजाक कर रहे हैं? भगवान का शुक्र है कि उन्हें उस महिला की ओर से राष्ट्रीय कोष नहीं घोषित किया गया, जिसने उन्हें सीएम के तौर पर पेश किया था।’

rahul gandhi

नाम लिए बगैर अंबिका सोनी पर हमला

इसके आगे सुनील जाखड़ ने लिखा कि चन्नी उस महिला के लिए एक एसेट हो सकते हैं, लेकिन पार्टी के लिए तो वो केवल एक बोझ हैं। राज्य की टॉप लीडरशिप नहीं बल्कि उनकी लीडरशिप ने ही गिराने का काम किया है और इसके चलते पार्टी में भी गिरावट देखने को मिली है।

बाद में ट्वीट पर दी सफाई

अपने ट्वीट पर बवाल होने के बाद अब सफाई देते हुए सुनील जाखड़ ने कहा कि मेरे ट्वीट का अर्थ किसी एक व्यक्ति पर हमला बोलना नहीं है। मैं इस बात से निराश हूं कि कांग्रेस वर्किंग कमिटी की मीटिंग में किस तरह से मनोरोगियों जैसी बात हुई है। रिपोर्ट ये बताती है कि पिछले 30 सालों से राज्यसभा में बैठे कुछ नेता ने हाईकमान के सामने खुद को पंजाब की आवाज के तौर पर पेश किया।

इलाज तो बीमारी से भी ज्यादा घातक था- जाखड़

सुनील जाखड़ ने कहा, ‘कांग्रेस कार्यकर्ता किसी ऐसे नेता को चाहते हैं, जिस पर वो यकीन कर सकें। पंजाब की एक नेता ने कांग्रेस वर्किंग कमिटी में खुद को राष्ट्रीय धरोहर बताने का प्रयास किया। वो खुद को धरोहर बता सकते हैं, लेकिन कांग्रेस के लिए नहीं। अगले 5 साल पंजाब एवं कांग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण होंगे।’