नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदुषण की स्थिति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई है। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कोर्ट के सामने लॉकडाउन लगाने की बात कही लेकिन इस शर्त के साथ कि दिल्ली के साथ एनसीआर में भी लॉकडाउन लगाया जाए। हालांकि सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा पर सुप्रीम कोर्ट के जज भड़क गये और कहा कि क्या आप अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
दरअसल सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कहा कि हमने एक हलफनामा दायर किया है। इस पर सीजेआई ने कहा कि हलफनामा भूल जाइए। कठोर उपायों के बारे में बताएं। जवाब में राहुल मेहरा ने कहा कि नगर निगमों को कुछ कदम उठाने होंगे। CJI ने इस पर कहा कि क्या आप नगर निगमों पर दोष मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं? क्या आप बक पास करने की कोशिश कर रहे हैं? न्यायमूर्ति सूर्य कांत ने कहा कि यदि आप ऐसा कहते हैं, तो हम आपके कुल राजस्व के ऑडिट का आदेश देंगे। आप नारों पर इतना खर्च कर रहे हैं।
Air pollution in Delhi: Centre tells Supreme Court that stubble burning is not the major cause of pollution at present in Delhi and northern states, as it contributes to only 10% of the pollution. pic.twitter.com/hFr1oZK6Ar
— ANI (@ANI) November 15, 2021
दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने जब ये कहा कि नगर निगमों को भी कुछ उठाने होंगे तो CJI ने कहा कि आप अब नगर निगमों पर दोष मढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। यदि आप ऐसा कह रहे हैं तो हम दिल्ली सरकार के राजस्व के ऑडिट करने का आदेश देंगे। आप अपने नारों पर इतना पैसा खर्च कर रहे हैं। इतना ही नहीं, CJI ने निराशा जताते हुए कहा है कि जिस तरह से हमने उम्मीद की थी कि जिम्मेदार लोग चर्चा करेंगे और समाधान के साथ आएंगे, वह नहीं किया गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
मामले की सुनवाई कर रही पीठ ने कहा कि भले ही टास्क फोर्स द्वारा कुछ निर्णय लिए गए हों, लेकिन इसने यह स्पष्ट रूप से संकेत नहीं दिया है कि प्रदूषण पैदा करने वाले इन कारकों को नियंत्रित करने के लिए वे क्या कदम उठाने जा रहे हैं। हम भारत सरकार को कल एक आपात बैठक बुलाने और उन क्षेत्रों पर चर्चा करने का निर्देश देते हैं जिनका हमने कार्यान्वयन प्रक्रिया पर चर्चा करने के लिए संकेत दिया था। पराली जलाने के संबंध में, सभी हलफनामों में उसका योगदान अधिक नहीं होने का संकेत मिलता है। हालांकि पंजाब और हरियाणा में अच्छी मात्रा में पराली जलाने की घटनाएं हो रही हैं। हम राज्यों से अनुरोध करते हैं कि वे दो सप्ताह तक किसानों को पराली न जलाने के लिए कहें। वर्क फ्रॉम होम को प्रोत्साहित करें। संबंधित सचिव बैठक में शामिल हो और समिति के समक्ष अपनी बात रखें।