नई दिल्ली। गुजरात दंगा मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ झूठे सबूत एकत्रित करने के आरोप में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की नियमित जमानत याचिका गुजरात हाईकोर्ट ने खारिज कर दी जिसके बाद वो सुप्रीम कोर्ट पहुंची, लेकिन वहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी। हालांकि, कोर्ट ने अब मामला बड़ी बेंच को भेज दिया है। अब तीन सदस्यीय पीठ मामले पर फैसला करेगी। वहीं, तीस्ता सीतलवाड़ की तरफ से मामले पर कोर्ट को आज ही फैसला देने के लिए कहा गया, तो कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी कर कहा कि आप विगत इतने माह से जमानत पर हैं, तब तो आपको कोई समस्या नहीं हुई, लेकिन अब जब हाईकोर्ट ने आपकी जमानत याचिका खारिज कर दी, तो आपको थोड़ा-सा भी धैर्य नहीं है।
कोर्ट ने सवालिया लहजे में कहा कि क्या हो जाएगा, अगर मंगलवार को फैसला सुनाया जाएगा। बता दें कि आज गुजरात हाईकोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत याचिका खारिज कर उन्हें सरेंडर करने का निर्देश दिया जिसके विरोध में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अब आगामी दिनों में इस मसले पर कोर्ट का क्या रुख रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी। विधिक विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर सुप्रीम कोर्ट की ओर से भी तीस्ता सीतलवाड़ को राहत नहीं मिली तो उन्हें फौरन हाईकोर्ट के निर्देश के अनरूप गिरफ्तार किया जाएगा। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने तीस्ता की जमानत को लेकर दोनों जजों की राय जुदा रही है। अब मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय पीठ का गठन किया गया है।
गुजरात दंगा मामले में सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार हुई तीस्ता को साल 2022 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से राहत मिली थी। माना जा रहा है कि अब सुप्रीम कोर्ट नियमित जमानत याचिका को लेकर बड़ा फैसला सुना सकता है। बहरहाल, अब आगामी दिनों में इस पूरे मसले को लेकर कोर्ट का क्या फैसला रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।