आरा। बिहार में जेडीयू के साथ सरकार बनाते ही डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने वादा किया था कि वो 10 लाख युवाओं को नौकरी देंगे। सीएम नीतीश कुमार तो उनसे भी आगे बढ़कर बोले थे कि 12 लाख युवाओं को नौकरी और रोजगार के अन्य साधन मुहैया कराएंगे, लेकिन इस दिशा में काम होता नहीं दिख रहा। नतीजे में युवा नाराज हैं। युवाओं की इस नाराजगी का सामना शुक्रवार को आरा में तेजस्वी यादव को झेलना पड़ा। सर्किट हाउस से आरा के मानसिक चिकित्सालय की तरफ जा रहे तेजस्वी की गाड़ी को सर्किट हाउस गेट के पास शिक्षक अभ्यर्थियों ने रोक लिया और जमकर हंगामा किया। उन्होंने सरकार विरोधी नारे भी लगाए।
आरा में आज जब शिक्षक अभ्यर्थियों ने तेजस्वी @yadavtejashwi को घेरने की कोशिश की. pic.twitter.com/VWilpsSQVU
— Ajeet Kumar (@iajeetkumar) September 9, 2022
बड़ी मुश्किल से तेजस्वी यादव को नाराज युवाओं की भीड़ से प्रशासन और पुलिस ने वहां से निकाला। तेजस्वी ने गाड़ी से बाहर निकलकर युवाओं से बात करने या उन्हें भरोसा दिलाने की कोई कोशिश नहीं की। आरा के डीएम दफ्तर में सुबह तेजस्वी ने प्रशासन के अफसरों के साथ बैठक की। इसके बाद वो कोइलवर के मानसिक रोग चिकित्सालय जा रहे थे। सर्किट हाउस से निकलते ही तेजस्वी का सामना बीटीईटी BTET और सीटीईटी CTET पास कर चुके अभ्यर्थियों से हुआ। ये सभी तेजस्वी के सर्किट हाउस से बाहर आने का इंतजार काफी वक्त से कर रहे थे। तेजस्वी के बाहर निकलते ही युवाओं ने नारेबाजी करते हुए उनकी गाड़ी रोक ली।
बीटीईटी और सीटीईटी पास कर चुके युवाओं का कहना है कि उनकी संख्या करीब 1.30 लाख है। शिक्षक भर्ती के लिए करीब 3.5 साल से कोई नोटिफिकेशन नहीं आया है। इसके अलावा सातवां चरण भी पूरा नहीं हुआ है। अभ्यर्थियों ने कहा कि देश का संविधान भी करीब 3 साल में बनकर तैयार हो गया था। उन्होंने तेजस्वी से मांग की है कि सातवें चरण का नोटिफिकेशन जारी किया जाए। कुल मिलाकर तेजस्वी का वादा फिलहाल अधूरा है और इसका नतीजा उनके जरिए सरकार को आरा में देखने को मिला है।