newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Farmer Protest: सरकार ने मानी किसानों की मांगें, लेकिन फिर भी खुश नहीं अन्नदाता, जानें वजह

Farmer Protest: दरअसल, किसान सूरजमुखी की बीज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग कर रहे थे। इस आंदोलन में प्रमुख रूप से हरियाण के किसान ही शामिल हुए थे, लेकिन आंदोलनकारी किसानों का दावा है कि यह मुद्दा महज हरियाणा के किसानों  को ही नहीं, बल्कि पूरे देश के किसानों को प्रभावित करेगा। वहीं, अब इस  बीच खबर आई है कि सरकार ने किसानों के आंदोलन को ध्यान में रखते हुए उनकी मांगें मान ली है। कुछ ही देर में इसका औपचारिक ऐलान भी कर दिया जाएगा। 

नई दिल्ली। माहौल चुनावी है। साल के अंत में राजस्थान, मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में चुनावी बिगुल बजेगा।  अगले वर्ष लोकसभा चुनाव भी है। ऐसे में सरकार किसी को भी नाराज नहीं करना चाहती है, लेकिन इस बीच किसान सड़कों पर आकर सरकार के खिलाफ अपना झंडा बुलंद कर लिया। दरअसल, किसान सूरजमुखी की बीज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग कर रहे थे। इस आंदोलन में प्रमुख रूप से हरियाण के किसान ही शामिल हुए थे, लेकिन आंदोलनकारी किसानों का दावा है कि यह मुद्दा महज हरियाणा के किसानों को ही नहीं, बल्कि पूरे देश के किसानों को प्रभावित करेगा। वहीं, अब इस  बीच खबर आई है कि सरकार ने किसानों के आंदोलन को ध्यान में रखते हुए उनकी मांगें मान ली है। अब सरकार की ओर से इसका औपचारिक ऐलान किया जाएगा।

इसके साथ ही इस आंदोलन के खत्म होने के साथ ही नेशनल हाईवे भी खुल जाएगा। जिससे लोगों का आवाजाही करने में सुगमता होगी। बता दें कि किसानों के आंदोलन को ध्यान में रखते हुए नेशनल हाईवे बंद करना पड़ा था, जिसकी वजह से लोगों को लंबे जाम से जूझना पड़ रहा था, लेकिन इसी बीच बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा मांगें मान लिए जाने के बावजूद भी किसान खुश नहीं हैं। दरअसल, किसानों की मांग है कि आंदोलन के दौरान जिन किसानों को गिरफ्तार किया गया था, उन्हें रिहा किया जाए। किसानों ने दो टूक कह दिया गया है कि जब तक किसानों को रिहा नहीं किया जाता है, तब तक हमारा यह आंदोलन जारी रहेगा। अब ऐसी स्थिति में सरकार की ओर से आगामी दिनों में क्या कुछ कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

farmer protest

वहीं, आपको बता दें कि किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार द्वारा मांगें मान लेने के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि हम सभी ने मिलकर एक सप्ताह तक संघर्ष किया जिसका नतीजा यह हुआ कि सरकार ने हमारी मांगों पर ना महज विचार किया, बल्कि उन्हें मानने के लिए मजबूर भी हुई। इसके अलावा किसान नेता करम सिंह मथाना ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि सरकार ने हमारी मांगों को मान लिया है, लेकिन हमारे मुद्दों का पूर्ण समाधान नहीं हुआ है। हालांकि, सरकार के साथ हुई हमारी बैठक सफल साबित हुई है। ध्यान दें कि इससे पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने दो टूक कह दिया था कि अगर सरकार ने  हमारी मांगों पर विचार नहीं किया, तो आगामी दिनों में आंदोलन को व्यापक रूप दिया जाएगा।