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Draupadi Murmu: आ गया राष्ट्रपति चुनाव का नतीजा, NDA की द्रौपदी मुर्मू ने दर्ज की शानदार जीत तो वहीं विपक्ष यशवंत सिन्हा का रहा ये हाल

Draupadi Murmu: देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंचने वाली द्रौपदी मुर्मू पहली आदिवासी महिला नेता बन गई है। देश में अभी तक कोई भी आदिवासी  न तो राष्ट्रपति और न ही प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुआ है। इसके अलावा द्रौपदी मुर्मू जो दूसरा रिकॉर्ड बनाया है।

नई दिल्ली। देश को अगली राष्ट्रपति मिल गई है। रायसीना हिल्स की रेस में एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू जीत गई है। उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हरा दिया। अब वह देश की 15वीं राष्ट्रपति होगी। बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को वोटिंग हुई थी। द्रौपदी मूर्म ने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को बड़े अंतर से हरा दिया है। द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में 5,77,778 वोट पडे़। जबकि विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 26,10, 62 वोट मिले। राज्यसभा के महासचिव और राष्ट्रपति चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर पीसी मोदी ने कहा कि तीसरे दौर की मतगणना में कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा और पंजाब शामिल हैं। इस दौर में कुल वैध मत 1,333 हैं। जिनकी कुल वैल्यू 1,65,664 है। द्रौपदी मुर्मू को 812 वोट मिले, यशवंत सिन्हा को 521 वोट मिले।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दी बधाई- 

वहीं रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति का चुनाव जीतने पर बधाई देते हुए लिखा, ”राष्ट्रपति चुनाव में प्रभावी जीत दर्ज करने के लिए श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को बधाई। वे गाँव, गरीब, वंचितों के साथ-साथ झुग्गी-झोपड़ियों में भी लोक कल्याण के लिए सक्रिय रहीं हैं।आज वे उनके बीच से निकल कर सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुँची हैं।यह भारतीय लोकतंत्र की ताक़त का प्रमाण है।”


द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति बनते ही अपने नाम कायम किए ये खास रिकॉर्ड-

देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंचने वाली द्रौपदी मुर्मू पहली आदिवासी महिला नेता बन गई है। देश में अभी तक कोई भी आदिवासी  न तो राष्ट्रपति और न ही प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुआ है। इसके अलावा द्रौपदी मुर्मू जो दूसरा रिकॉर्ड बनाया है। उसमें खास बात ये है कि वो पहली राष्ट्रपति है, जो 1947 में देश को आजाद मिलने के बाद जन्मी हैं। देश में अभी तक जीतने भी राष्ट्रपति हुए हैं, उनका जन्म देश को आजादी मिलने से पहले हुआ।

इसके साथ ऐसा पहली मौका होगा, जब किसी वक्त पार्षद रह चुका कोई व्यक्ति देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचा है। उन्होंने साल 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत का पार्षद बनने के साथ अपने सियासी सफर की शुरुआत की थी। वही पहली बार 2000 में विधायक चुनी गई थी। बता दें कि द्रौपदी मुर्मू ने अपने राजनीति कैरियर की शुरुआत भाजपा के साथ की थी और अंत तक पार्टी के साथ जुड़ी रही।