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Congress: सोनिया के करीबी को जारी हुआ ये नोटिस , लग सकती है कांग्रेस पार्टी को 3 करोड़ की चपत, जानें पूरा माजरा

Sonia Gandhi: न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सोनिया गांधी को जारी की गई बेदखली नोटिस में उल्लेखित किया गया है कि, ‘जबकि, मैं, अधोहस्ताक्षरी, नीचे निर्दिष्ट आधारों पर राय रखता हूं कि आप नीचे दी गई अनुसूची में उल्लिखित सार्वजनिक परिसर के अनधिकृत कब्जे में हैं और आपको उक्त परिसर से बेदखल कर दिया जाना चाहिए।

नई दिल्ली। जहां एक तरफ कांग्रेस की दुर्गति अपने चरम पर पहुंच चुकी है, तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी से जुड़े नेताओं की बदहाली भी अपने चरम पर पहुंच चुकी है। सधे शब्दों में कहें तो न तो पार्टी का ही कुछ भविष्य नजर आ रहा है और ना ही पार्टी से जुड़े नेताओं का। अब इसी बीच कांग्रेस की अतंरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के करीबी को नोटिस जारी किया गया है, जिसमें उनसे सी-II/109 चाणक्यपुरी स्थित उनके फ्लैट को खाली निर्देश दिया गया है। वहीं, आवास और शहरी मामले के मुताबिक, यह संपत्ति कांग्रेस पार्टी को दी गई थी, लेकिन यह बात प्रकाश में आई है कि कांग्रेस की अतंरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के सचिव विन्सेंट जॉर्ज रह रहे हैं।

sonia gandhi

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सोनिया गांधी को जारी की गई बेदखली नोटिस में उल्लेखित किया गया है कि, ‘जबकि, मैं, अधोहस्ताक्षरी, नीचे निर्दिष्ट आधारों पर राय रखता हूं कि आप नीचे दी गई अनुसूची में उल्लिखित सार्वजनिक परिसर के अनधिकृत कब्जे में हैं और आपको उक्त परिसर से बेदखल कर दिया जाना चाहिए। नोटिस में आगे कहा गया है कि, आप नीचे दी गई अनुसूची में निर्दिष्ट सार्वजनिक परिसरों पर कब्जा करना जारी रखे हुए हैं, भले ही इसका आवंटन रद्द कर दिया गया हो w.c.f. 26-06-2013 पत्र संख्या 7/259/94-टीएस दिनांक 22.01.2015 के द्वारा डाई द्वारा जारी किया गया। संपदाओं का।” नोटिस में आगे कहा गया है, “अब, इसलिए, सार्वजनिक परिसर अधिनियम 1971 की धारा 3बी की उप-धारा (1) के अनुसरण में, मैं आपसे व्यक्तिगत सुनवाई के लिए 3 कार्य दिवसों के भीतर दोपहर 02:30 बजे कारण बताने का आह्वान करता हूं। क्यों न बेदखली के आदेश को पालन कर दिया जाए।

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आप मेरे सामने व्यक्तिगत रूप से या एक विधिवत अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से पेश हो सकते हैं जो मामले से जुड़े सभी भौतिक सवालों के जवाब देने में सक्षम हो और सबूत के साथ जो आप कारण के समर्थन में पेश करना चाहते हैं। यदि आप कारण बताने में विफल रहते हैं और/या निर्धारित समय के भीतर उपस्थित होते हैं, तो मामले का एकतरफा फैसला किया जाएगा।” अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि आगामी दिनों में इस पूरे मसले पर कांग्रेस की अतंरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की क्या कुछ प्रतिक्रिया रहती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।