नई दिल्ली। 9 महीने बाद जेल से बाहर आए मनीष कश्यप के समर्थकों में खुशी का माहौल है। कश्यप को तमाम विधिक दुश्वारियों से निजात मिल चुकी है। उन पर लगे एनएसए को हटा दिया गया है। इन नौ महीने के दौरान मनीष लगातार यही दुहाई देते रहे कि वो बेगुनाह हैं। उन्हें एक सोची-समझी साजिश के तहत चंद सियासी नुमाइंदों ने अपने सियासी हित साधने के बाबत फंसाने की कोशिश की थी, लेकिन वो किसी से डरने वाले नहीं हैं। यही नहीं, बीते दिनों उन्होंने सुनवाई के लिए पेश होने के दौरान यहां तक कह दिया था कि वो सेना के बेटे हैं, ना की किसी चारा चोर के। बता दें कि ऐसा कहकर उन्होंने तेजस्वी यादव को आड़े हाथों लिया था। वहीं, अब जेल से बाहर आने के बाद मनीष कश्यप ने बिहार सरकार पर जमकर निशाना साधा है। आइए, आगे आपको बताते हैं कि उन्होंने क्या कुछ कहा है ?
आपको बता दें कि मनीष कश्यप ने अपने पहले बयान में कहा कि मेरे खिलाफ साजिश रची गई थी और उस साजिश की वजह से मैं नौ महीने जेल में रहा था। जैसे कंस ने साजिश रची थी, तो कृष्ण को नौ महीने जेल में रहकर ही पैदा होना पड़ा था, वैसे ही बिहार में बहुत सारे कंस हैं, जो कि मेरे खिलाफ खड़े हुए थे। अगर कोर्ट ने मुझे सजा दी होती है, तो मैं उसे भुगतने के लिए तैयार होता, लेकिन यह सजा मुझे कोर्ट ने नहीं, बल्कि नेताओं ने दी थी। मेरे ऊपर एनएसए लगा दिया गया था। आप मुझे बताइए कि 1980 के बाद से जब से एनएसए इम्प्लीमेंट हुआ है, तब से किसी पत्रकार के ऊपर किसी यूट्यूबर के ऊपर एनएसए लगा है क्या? नहीं लगा है। लेकिन मनीष कश्यप के ऊपर लगाया गया, लेकिन अब कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। कोर्ट ने इस बात को माना है कि मनीष के ऊपर गलत तरीके से एनएसए लगाया गया, नहीं तो मैं दो महीने के भीतर जेल से बाहर आ जाता और आप ये भीड़ देखिए। ये लोग कोई करोड़पति और अरबपति नहीं हैं, बल्कि ये वो लोग हैं, जिन्हें बिहार सरकार से कोई उम्मीद नहीं है। उन्हें मनीष कश्यप से उम्मीद है। मनीष कश्यप जैसे लोगों से उम्मीद हैं और इन लोगों के आंखों के उम्मीदों को मैं पूरा करूंगा और इन लोगों की उम्मीद बनूंगा। इन लोगों का सपना पूरा करूंगा।
वहीं, जब मनीष से पूछा गया कि आप यूट्यूब चलाएंगे पहले की तरह या फिर राजनीति करेंगे? तो इस पर उन्होंने कहा कि भाग्य में जो लिखा रहेगा। कर्म मेरा उस हिसाब से होता जाएगा। अगर भाग्य में लिखा रहेगा कि इन लोगों के बीच में रहकर मुझे पत्रकारिता करना है, तो मैं पत्रकारिता करूंगा। वहीं, जब मनीष कश्यप से पूछा गया कि आप क्या चाहते हैं, तो इस पर उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ बिहार को बदलना चाहता हूं और जो नेता बिहार को बदलना चाहते हैं। उनके साथ रहकर बिहार को बदलना चाहता हूं। हम सभी मिलकर बिहार को बदलेंगे तो बिहार बदलेगा।