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Chandrayaan-3 Lands Successfully: चंद्रयान-3 की सफलता के पीछे छुपे हैं ये चेहरे, ना होता इनका हाथ, तो नहीं रच पाता भारत इतिहास

Chandrayaan-3 Lands Successfully: वहीं, आज जब भारतीय वैज्ञानिकों ने यह कमाल कर दिखाया , तो बिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने साउथ अफ्रीका पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय वैज्ञानिकों को बधाई देने में कोई कोताही नहीं बरती। वहीं, आइए इस रिपोर्ट में आगे हम आपको इसरो प्रमुख एस सोमनाथ की टीम में शामिल उन लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके नेतृत्व में भारतीय वैज्ञानिकों ने ये इतिहास रचा है।

नई दिल्ली। 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा स्थित इसरो से चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग हुई थी। इसके आद आज चंद्रयान ने निर्धारित 40 दिनों की यात्रा में से 39 दिनों की यात्रा को संपन्न करने के बाद चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर अपनी आमद दर्ज कराई। ऐसा कारनामा करने वाला भारत दुनिया का पहला देश बन चुका है। आज तक किसी ने भी यह कारनामा करना तो दूर, बल्कि कोशिश तक भी नहीं की थी, लेकिन इसरो प्रमुख एस सोमनाथ की अगुवाई में भारतीय वैज्ञानिकों ने यह ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। वहीं, चंद्रयान ने भी इसरो को अपना पैगाम भेजकर वहां पहुंचने की पुष्टि कर दी है, जिसके बाद से देशभर में खुशी का माहौल है। चार साल के कड़े परिश्रम के बाद आज भारत के हाथ यह सफलता लगी है।

बता दें, आज से चार पहले यानी की 2019 में चंद्रयान-2 किसी तकनीकी खानी की वजह से विफल हो गया था, जिसके बाद इसरो के तत्कालीन प्रमुख के सिवन फूट-फूट कर रोए भी थे, तो प्रधानमंत्री ने अपने गले से लगाकर उन्हें दिलासा दिया था। वहीं, आज जब भारतीय वैज्ञानिकों ने यह कमाल कर दिखाया, तो बिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने साउथ अफ्रीका पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय वैज्ञानिकों को बधाई देने में कोई कोताही नहीं बरती। वहीं, आइए इस रिपोर्ट में आगे हम आपको इसरो प्रमुख एस सोमनाथ की टीम में शामिल उन लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके नेतृत्व में भारतीय वैज्ञानिकों ने ये इतिहास रचा है।

1. डॉ एस सोमनाथ : ISRO चीफ

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के प्रमुख डॉ एस सोमनाथ की अगुवाई में भारतीय वैज्ञानिकों ने यह उपलब्धि हासिल की है। के सिवन के बाद इसरो की कमान एस सोमनाथ को सौंपी गई थी। वहीं, उन्होंने चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद के एस सोमनाथ ने कहा कि अब भारत चांद पर पहुंच चुका है। अब चांद भारत से दूर नहीं है।

यह हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है। वहीं, ब्रिक्स सम्मेलन में साउथ अफ्रीका पहुंचे पीएम मोदी ने एस सोमनाथ को फोन कर बधाई दी और उनसे मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी भी ली। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि मैं भारत आकर आप सभी लोगों से मिलूंगा।

2. एम शंकरन: यू आर राव सैटेलाइट सेंटर (यूआरएससी) के निदेशक

चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग के बाद इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि पिछले चार साल से हम इसी मिशन के साथ जी रहे हैं। सोते खाते और हर काम करते समय हम बस इसी मिशन के बारे में सोचते रहे। यह अद्भत पल है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में हम मार्स और विनस में भी जाने के बारे में विचार करेंगे।

बता दें कि एस शंकरन ने ही सभी उपग्रहों के डिजाइन और निर्माण करने वाली टीम का हिस्सा रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने यू आर राव सैटेलाइट सेंटर (URSC) में निदेशक की भूमिका निभाई थी।

3. कल्पना के: चंद्रयान 3 मिशन की डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर

मून मिशन की डिप्टी प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ कल्पना के…. ये वो नाम है, जो चंद्रयान-3 मिशन में देश की नारी शक्ति का प्रतीक हैं। कोरोना महामारी के बाद भी उन्होंने मिशन को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को कम नहीं होने दिया।

दिन-रात वो इसी के बारे में सोचती रही कि कैसे अपने इस मिशन के सफरकर देश दुनिया में भारत का मान बढ़ाया जाए।

4 . पी वीरमुथुवेल: चंद्रयान-3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर

पी वीरमुथुवेल चंद्रयान-3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर हैं। वे रॉकेट के विकास और निर्माण से जुड़े विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के निदेशक हैं।

केरल के थुम्बा में स्थित विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (VSSC), जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (जीएसएलवी) मार्क-III को विकसित करने की जिम्मेदारी का निर्वहन कर चुके हैं।