नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (11 जुलाई) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) प्रमुख संजय कुमार मिश्रा को दिए गए तीसरे सेवा विस्तार को गैर क़ानूनी बताते हुए केंद्र सरकार को बड़ा झटका दिया। जैसे ही सुप्रीम कोर्ट का ये बयान सामने आया, विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने का प्रयास भी शुरू कर दिया। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने इसको लेकर बयानबाजी भी शुरू कर दी है। लेकिन अब इस पूरे मामले पर विपक्षी नेताओं को जवाब देते हुए गृहमंत्री शाह ने एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर ख़ुशी जताने वालों को भ्रमित बताया।
ईडी मामले पर माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर खुशी मनाने वाले कई कारणों से भ्रमित हैं। सीवीसी अधिनियम में संशोधन, जो संसद द्वारा विधिवत पारित किया गया था, को बरकरार रखा गया है। भ्रष्ट और कानून के गलत पक्ष पर काम करने वालों पर कार्रवाई करने की ईडी की शक्तियां वही रहेंगी। ईडी एक ऐसी संस्था है जो किसी एक व्यक्ति से ऊपर उठती है और अपने मुख्य उद्देश्य को प्राप्त करने पर केंद्रित है।
Those rejoicing over the Hon’ble SC decision on the ED case are delusional for various reasons:
The amendments to the CVC Act, which were duly passed by the Parliament, have been upheld.
Powers of the ED to strike at those who are corrupt and on the wrong side of the law…
— Amit Shah (@AmitShah) July 11, 2023
यानी मनी लॉन्ड्रिंग के अपराधों और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन की जांच करना। इस प्रकार, ईडी निदेशक कौन है – यह महत्वपूर्ण नहीं है क्योंकि जो कोई भी इस भूमिका को ग्रहण करेगा वह विकास विरोधी मानसिकता रखने वाले हकदार वंशवादियों के एक आराम करने वाले क्लब के बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार पर ध्यान देगा।