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Maharashtra: सत्ता गंवाने के बाद उद्धव को लगा एक और बड़ा झटका, ठाणे नगर निगम में हो गया उलटफेर

Maharashtra: बता दें कि यहां शिवसेना के 67 में से 66 पार्षद एकनाथ शिंदे खेमे में शामिल हो गए हैं। खबरों के मुताबिक, 66 पार्षदों ने सीएम एकनाथ शिंदे के घर जाकर मुलाकात की। आपको बता दें कि मुंबई नगर निगम के बाद ठाणे नगर निगम प्रदेश की दूसरी सबसे अहम और बड़ी निगम है।

नई दिल्ली। महाराष्ट्र (Maharashtra) की सत्ता गंवाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। अब राज्य में शिवसेना कमजोर होते दिखाई दे रही है। एक के बाद एक शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे खेमे में शामिल होते दिखाई दे रहे है। इसी बीच अब उद्धव ठाकरे को एक और जोरदार झटका लगा है। दरअसल ठाणे नगर निगम में बड़ा उल्टफेर होता दिखाई दे रहा है। अब ठाणे नगर निगम भी शिवसेना के हाथ से फिसल गई है। ज्ञात हो कि एकनाथ शिंदे राज्य में विधानपरिषद चुनाव के नतीजों के बाद बागी हो गए थे। वहीं शिवसेना में फूट पड़ने के बाद प्रदेश में महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी। इसके बाद एकनाथ शिंदे ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर भी विराजमान हो गए। वहीं देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बने।

बता दें कि यहां शिवसेना के 67 में से 66 पार्षद एकनाथ शिंदे खेमे में शामिल हो गए हैं। खबरों के मुताबिक, 66 पार्षदों ने सीएम एकनाथ शिंदे के घर जाकर मुलाकात की। आपको बता दें कि मुंबई नगर निगम के बाद ठाणे नगर निगम प्रदेश की दूसरी सबसे अहम और बड़ी निगम है। ऐसे में अब शिवसेना के पास यहां महज एक ही पार्षद है। खास बात ये भी है कि ठाणे ही शिवसेना का प्रमुख गढ़ माना जाता है। ऐसे में अब उद्धव ठाकरे के हाथ से उनकी गढ़ में एकनाथ शिंदे ने बड़ी सेंधमारी है और ठाणे नगर निगम में शिवसेना प्रमुख को अपना हाथ से गवाना पड़ा है।

eknath shinde and uddhav thakrey

बताते चलें कि एकनाथ शिंदे की ठाणे जिले में मजबूत पकड़ है और उन्होंने अपने राजनीति की शुरुआत भी यही से की थी। एकनाथ शिंदे ने साल 1999 में ठाणे नगर निगम चुनाव में पार्षद का चुनाव में विजय भी हासिल की थी। इसके बाद एकनाथ शिंदे साल 2002 में दोबार यहां से पार्षद चुन गए।