नई दिल्ली। रविवार का दिन उत्तर प्रदेश की राजनीति के लिए काफी उथल-पुथल भरा रहा। बाहुबली विधायक हरिशंकर तिवारी का पूरा परिवार समाजवादी पार्टी (SP) में शामिल हो गया तो वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी सपा के गठबंधन को तगड़ा झटका दे दिया है। चुनाव से पहले नेताओं का पाला बदलने का खेल जारी है और रविवार के दिन कई नेता अपनी पार्टी बदलते नजर आए। दरअसल राजभर समाज के नेताओं ने रविवार को भाजपा की सदस्यता ले ली। इस कार्यक्रम में शामिल योगी सरकार में मंत्री अनिल राजभर ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) पर निशाना साधते हुए कहा कि ओम प्रकाश को अपना नाम बदलकर असलम राजभर कर लेना चाहिए।
आपको बता दें कि रविवार को लखनऊ में विपक्षी दल के कई नेता भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए हैं। इन नेताओं में बसपा के दो के बार विधायक कालीचरण राजभर, (पूर्व विधायक जहूराबाद, SP), मदन राजभर भारतीय संघर्ष पार्टी, मोनू राजभर जिला पंचायत सदस्य, ज्ञान भारद्वाज महासचिव सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, भारतीय सुहेलदेव समाज सेना के अध्यक्ष बब्बन राजभर लखनऊ, प्रकाश राजभर आजमगढ़, राजकुमार गुप्ता आजमगढ़, अविनाश वर्मा, प्रमोद द्विवेदी, मालनी द्विवेदी समाजवादी पार्टी इस मौके पर कानून मंत्री ब्रजेश पाठक और वरिष्ठ भाजपा नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी (Laxmikant Bajpai) सहित भाजपा (BJP) के कई बड़े पदाधिकारी इस कार्यक्रम में मौजूद थे।
पूरा राजभर समाज भाजपा के साथ आकर ऐसे लोगों को राजनीति से बेदखल करने का काम करेगा जो पिछले 18 वर्ष से पार्टी बनाकर लोगों को धोखा देने का काम कर रहे हैं pic.twitter.com/yHqI8KiJgr
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) December 12, 2021
वहीं आज पूर्वांचल के बाबुबली नेता हरिशंकर तिवारी के बडे़ पुत्र पूर्व सांसद भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी, चिल्लूपार के विधायक विनय शंकर तिवारी के साथ विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पाण्डेय, संतकबीरनगर से भाजपा विधायक दिग्विजय नारायण चौबे और बसपा के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी संतोष तिवारी सपा में शामिल हो गए।
विभिन्न दलों के नेताओं को सदस्यता ग्रहण कराते पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत वाजपेयी https://t.co/x5jbPllAge
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) December 12, 2021
हालांकि बीजेपी की स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मीडिया को बताया कि हरिशंकर तिवारी के परिजनों ने बीजेपी में शामिल होने की कोशिश की थी, लेकिन उनके इतिहास को देखते हुए पार्टी में शामिल नहीं कराया गया। कुशल तिवारी पिछले लोकसभा चुनाव में हार गए थे। वहीं, विनय शंकर तिवारी हाल तक बीएसपी में थे।