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UP Election 2022: चुनाव से पहले सपा के गठबंधन में बड़ी सेंध! राजभर समाज के नेताओं ने थामा बीजेपी का दामन

UP Election 2022: राजभर समाज के नेताओं ने रविवार को भाजपा की सदस्यता ले ली। इस कार्यक्रम में शामिल योगी सरकार में मंत्री अनिल राजभर ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) पर निशाना साधते हुए कहा कि ओम प्रकाश को अपना नाम बदलकर असलम राजभर कर लेना चाहिए।

नई दिल्ली। रविवार का दिन उत्तर प्रदेश की राजनीति के लिए काफी उथल-पुथल भरा रहा। बाहुबली विधायक हरिशंकर तिवारी का पूरा परिवार समाजवादी पार्टी (SP) में शामिल हो गया तो वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी सपा के गठबंधन को तगड़ा झटका दे दिया है। चुनाव से पहले नेताओं का पाला बदलने का खेल जारी है और रविवार के दिन कई नेता अपनी पार्टी बदलते नजर आए। दरअसल राजभर समाज के नेताओं ने रविवार को भाजपा की सदस्यता ले ली। इस कार्यक्रम में शामिल योगी सरकार में मंत्री अनिल राजभर ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) पर निशाना साधते हुए कहा कि ओम प्रकाश को अपना नाम बदलकर असलम राजभर कर लेना चाहिए।

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आपको बता दें कि रविवार को लखनऊ में विपक्षी दल के कई नेता भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल हो गए हैं। इन नेताओं में बसपा के दो के बार विधायक कालीचरण राजभर, (पूर्व विधायक जहूराबाद, SP), मदन राजभर भारतीय संघर्ष पार्टी, मोनू राजभर जिला पंचायत सदस्य, ज्ञान भारद्वाज महासचिव सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, भारतीय सुहेलदेव समाज सेना के अध्यक्ष बब्बन राजभर लखनऊ, प्रकाश राजभर आजमगढ़, राजकुमार गुप्ता आजमगढ़, अविनाश वर्मा, प्रमोद द्विवेदी, मालनी द्विवेदी समाजवादी पार्टी इस मौके पर कानून मंत्री ब्रजेश पाठक और वरिष्ठ भाजपा नेता लक्ष्मीकांत वाजपेयी (Laxmikant Bajpai) सहित भाजपा (BJP) के कई बड़े पदाधिकारी इस कार्यक्रम में मौजूद थे।

वहीं आज पूर्वांचल के बाबुबली नेता हरिशंकर तिवारी के बडे़ पुत्र पूर्व सांसद भीष्म शंकर उर्फ कुशल तिवारी, चिल्लूपार के विधायक विनय शंकर तिवारी के साथ विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पाण्डेय, संतकबीरनगर से भाजपा विधायक दिग्विजय नारायण चौबे और बसपा के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी संतोष तिवारी सपा में शामिल हो गए।

हालांकि बीजेपी की स्क्रीनिंग कमेटी के चेयरमैन और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने मीडिया को बताया कि हरिशंकर तिवारी के परिजनों ने बीजेपी में शामिल होने की कोशिश की थी, लेकिन उनके इतिहास को देखते हुए पार्टी में शामिल नहीं कराया गया। कुशल तिवारी पिछले लोकसभा चुनाव में हार गए थे। वहीं, विनय शंकर तिवारी हाल तक बीएसपी में थे।